झारखंड में रांची स्थित विश्व स्तरीय मानक वाला है राज अस्पताल

- शहर के बीचो-बीच आम आदमी से दूर नहीं है राज अस्पताल
धर्मराज राय
झारखण्ड की राजधानी रांची में महात्मा गांधी मार्ग पर शहर के मध्य में अवस्थित आधुनिक सुविधाओं से युक्त चिकित्सा संस्थान ‘राज अस्पताल’ अब पहचान का मोहताज नहीं है। विगत दो दशक से यह निजी स्वामित्व में विश्व स्तरीय सुपर स्पेसियलिटी अस्पताल के रूप में चर्चित हो गया है। यहां समस्त रोगों के निदान के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम अत्याधुनिक-वैज्ञानिक चिकित्सा उपकरणों एवं जांच प्रणालियों के साथ दिन-रात उपलब्ध है।

यहां आकस्मिक सेवा भी उतनी ही तत्परता से उपलब्ध है। यही नहीं बाह्य चिकित्सा सेवा की व्यवस्था होने से आम लोगों की भी भीड़ लगी रहती है। मौसमी बीमारियों से ग्रस्त रोगी भी पहुंचते हैं।
राज अस्पताल न केवल राजधानी रांची का बल्कि पूरे राज्य में पहला ऐसा सुपर स्पेसियलिटी अस्पताल है, जिसकी नई बहुमंजिली इमारत की ग्यारहवीं मंजिल की छत पर ‘हेलीपैड’ की व्यवस्था है। आपात् स्थिति में रोगियों को हेलीकाप्टर द्वारा यहां पहुंचाकर तत्काल चिकित्सा शुरू करायी जा सकती है।

कहना जरूरी है कि आज सुपरस्पेसियलिटी अस्पतालों की भीड़ में राज अस्पताल सुपर स्पेसियलिटी अस्पताल होकर भी ‘नो प्राॅफिट, नो लाॅस’ के सिद्धांत पर नैतिकता पूर्ण सेवा उपलब्ध करा रहा है। इसका मूल कारण इस अस्पताल के संचालक मेधावी इंजीनियर योगेश गभीर का पारिवारिक और प्रेरणादायी सहयोगियों का सात्विक सेवा-संस्कार है जो उन्हें चिकित्सा के नाम पर अमानवीय प्रवृति से अब तक दूर रखे हुए हैं। अस्पताल प्रबंधन में निदेशक के रूप में श्री गंभीर प्रतिदिन अपने अस्पताल के कार्यालय में उपलब्ध मिलेंगे, जो स्वयं हर स्थिति पर नजर रखते हैं।
यहां तीन सौ से अधिक अस्पतालकर्मी सेवारत हैं। प्रत्येक विभाग में विशेषज्ञ चिकित्सक दिन-रात उपस्थित रहते हैं। अस्पताल की नई बहुमंजिली इमारत का निर्माण हो जाने से इस निजी अस्पताल का गौरव बढ़ गया है।
यह भी गौरतलब है कि राज अस्पताल प्रबंधन ने इसकी सुपर स्पेसियलिटी सेवा को सार्थक बनाये रखने के लिए अनेक विशेषज्ञ मेडिकल-सेवा प्रदाता संगठनों को जोड़ कर रखा है ताकि इलाज में चूक न हो।

यहां न्यूरो साइन्सेज, क्रिटीकल केयर, मिनिमल इन्वैसिव सर्जरी, कैंसर चिकित्सा, किडनी रोग, हृदय रोग के इलाज के साथ-साथ एम आर आई, सी टी स्कैन, कैम्सुल इन्डोस्काॅपी जैसी अत्याधुनिक विकसित तकनीक से भी सटीक इलाज का प्रबंध है। झारखण्ड के साथ पड़ोसी राज्यों से भी पहंुचने वाले रोगियों के इलाज में यहां किसी भी प्रकार की लापरवाही या पक्षपात नहीं होता हैं।
अस्पताल के निदेशक योगेश गंभीर ने अपने चिकित्सा संस्थान की उपरोक्त विशेषताओं के दावों के साथ यह भी जानकारी दी कि प्रारम्भ में राज अस्पताल एक चैरिटी अस्पताल के रूप में हीं संचालित हुआ था।

तब शहर में आज की तरह बड़े-बड़े अस्पताल थे ही नहीं। बहुत कठिनाई और अनिश्चितता झेलने के बाद राज अस्पताल आज शहर ही नहीं राज्य का भी गौरव बना, तो यह जनता के विश्वास का फल है। इस अस्पताल की स्थापना के प्रेरकों में मुख्य रूप से डाॅ0 (स्वर्गीय) के के सिन्हा, डाॅ. बीएन यादव एवं डाॅ. के० सी० प्रसाद सहित कई अन्य स्वनाम धन्य चिकित्सकों का भी नाम अग्रणी है। अभी इस अस्पताल में 200 शय्या उपलब्ध हैं।

अत्याधुनिक तकनीक वाली मशीनों और उपस्करों से युक्त राज अस्पताल सभी रोगों की उचित चिकित्सा के साथ आपात चिकित्सा के मामले में तत्पर रहने का उदाहरण प्रस्तुत करते रहा है। पैथोलाॅजी, एक्स-रे, बीएमडी, एमआरआई, सीटी स्कैन, ओपीजी एवं अन्य प्रकार की तकनीकी सेवा इस अस्पताल के चिकित्सा वैभव में शामिल है।

न्यूरो-सर्जरी और किडनी तथा पेशाब संबंधी बीमारियों के इलाज के साथ यहां डायलिसिस की भी सेवा सुविधा है। स्त्री रोग विशेषज्ञों की सेवा भी यहां उपलब्ध है। वैसे इस सुपर स्पेसियलिटी अस्पताल में अभी ऐसी कोई बीमारी नहीं जिसका इलाज नहीं हो सकता है।
There are no comments at the moment, do you want to add one?
Write a comment