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असम में बाढ़ से 22 जिले प्रभावित, ब्रह्मपुत्र समेत 15 नदियां खतरे के निशान से ऊपर

गुवाहाटी। लगातार बारिश से असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। ब्रह्मपुत्र (निमातीघाट, तेजपुर), सुबनसिरी (बड़ाटीघाट), बुरीदिहिंग, धनसिरी (नुमलीगढ़), कपिली (कामपुर, धरमटुल), बराक (छोटा बेकरा, फुलेर्टल, एपी घाट, बीपी घाट), रुकनी (धोलाई), धलेस्वरी (घरमुरा), कटाखाल (मातिजुरी) और कुशियारा (श्रीभूमि) नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

बाढ़ से 22 जिले प्रभावित हैं। जिनमें लखीमपुर, नगांव, कछार, डिब्रूगढ़, माजुली, तिनसुकिया, शिवसागर, दरंग, गोलाघाट, कामरूप, मोरीगांव, होजाई, हैलाकांदी, धेमाजी, जोरहाट, शोणितपुर, बिस्वनाथ, कामरूप (एम), कार्बी आंगलोंग, कार्बी आंगलोंग वेस्ट, डिमा हसाओ और श्रीभूमि जिले शामिल हैं।

अब तक 1254 गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। 5,15,039 लोग प्रभावित हुए हैं। 12,610.27 हेक्टेयर फसल क्षतिग्रस्त हुई है। 65 राजस्व सर्कल प्रभावित हैं। 165 राहत शिविर और 157 राहत वितरण केंद्र खोले गए हैं। 31,212 लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं जबकि 1,54,177 लोग गैर-शिविर राहत केंद्रों से सहायता ले रहे हैं।

होजाई में एक पुरुष की मौत की पुष्टि हुई है। हैलाकांदी और दिब्रूगढ़ से एक-एक पुरुष लापता हैं। कुल 4,67,851 पशु प्रभावित हैं जिसमें 1,56,253 बड़े, 1,06,216 छोटे और 2,05,382 पोल्ट्री। गोलाघाट में 2 बड़े पशु और लखीमपुर में 92 (65 बड़े, 27 छोटे) पशु बह गए।

लखीमपुर में 84 कच्चे मकान पूरी तरह और 43 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। राहत व बचाव कार्यों में एसडीआरएफ, फायर एंड इमरजेंसी सर्विस, इनलैंड वॉटर ट्रांसपोर्ट, स्थानीय प्रशासन व लोग शामिल हैं। 122 मेडिकल टीमें और 50 नावें तैनात की गई हैं। नावों से 711 लोगों और 130 पशुओं को सुरक्षित निकाला गया है।

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