प्याज पर दिसंबर तक 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लागू
नयी दिल्ली, 19 अगस्त : सरकार ने देश में प्याज की उपलब्धता बढ़ाकर उसकी कीमत शांत रखने के लिए रसोई में रोजमर्रा इस्तेमाल होने वाली इस वस्तु के निर्यात पर 40 प्रतिशत की दर से शुल्क लगाने की शनिवार को घोषणा की।
इस संबंध में जारी अधिसूचना के अनुसार यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है और यह 31 दिसंबर तक प्रभावी रहेगा।
वाणिज्य मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है,“घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सरकार ने इसके निर्यात पर तत्काल प्रभाव से 40 प्रतिशत की दर से निर्यात शुल्क लगा दिया है जो 31 दिसंबर 2023 तक प्रभावी रहेगा।”
प्याज पर निर्यात शुल्क लगाने की अधिसूचना राजपत्र में अधिसूचित कर दी गई है।
प्याज पर निर्यात शुल्क लगाने के बनने के लिए जारी अधिसूचना में कहा गया है कि यह निर्णय जनहित के लिए आवश्यक था।
गौरतलब है कि खाद्य वस्तुएं और तमाम मौसमी फल-सब्जियों तथा कुछ अन्य वस्तुओं की खुदरा कीमतों में तेजी के चलते जुलाई में खुदरा मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति उछलकर 7.44 फीसदी पर पहुंच गई।
जून,2023 माह में खुदरा मुद्रा स्थिति 4.87 प्रतिशत थी। जुलाई में खाद्य मुद्रास्फीति 11.5 फीसदी थी।
सितंबर 2022 के बाद पहली बार खुदरा मुद्रास्फीति सात सबसे ऊपर गई है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्याज का खुदरा भाव इस वर्ष जून के मुकाबले जुलाई में खुदरा कीमत 28 प्रतिशत चढ़ गया था। जुलाई, 2022 की तुलना में इस बार जुलाई में प्याज की खुदरा कीमतें औसतन 7.13 फीसदी ऊपर चल रही थीं।
सरकार का अनुमान है कि 2022 -23 फसल वर्ष में प्याज का उत्पादन तीन करोड़ दस लाख टन के आस पास होगा। 2021-22 में इसका उत्पादन लगभग 3.17 करोड़ टन था।
सरकार ने 2023 -24 के सीजन के लिए प्याज का तीन लाख टन का बफर स्टॉक बनाने की योजना तैयार की है।
सरकार इस समय खुदरा बाजार में टमाटर की कीमतों को शांत रखने के लिए सहकारी विपणन एजेंसियों के माध्यम से प्रमुख बाजारों में नियंत्रित मूल्य पर बिक्री कर रही है। नाफेड जैसी एजेंसियां दिल्ली एनसीआर और कुछ अन्य बाजारों में रविवार से खुदरा बाजार में 40 रुपए प्रति किलो की दर से टमाटर उपलब्ध कराएंगी ।