बिहार के मुख्यमंत्री ने मोबाइल पशु चिकित्सा कॉल सेंटर का किया शुभारंभ, 534 वाहनों को दिखाई हरी झंडी
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को मोबाइल पशु चिकित्सा कॉल सेंटर का उदघाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 534 मोबाईल पशु चिकित्सा इकाईयों (वाहनों) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इन सभी 534 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों (वाहनों) एवं मोबाइल पशु चिकित्सा कॉल सेंटर का उदेश्य पशुपालकों के द्वार पर पशु चिकित्सा (डोर स्टेप पशु चिकित्सा सेवा) सुविधा उपलब्ध कराना है। पशुपालकों को अपने बीमार पशुओं को पशु चिकित्सालय तक लाने में होने वाली कठिनाईयों को देखते हुए राज्य के सभी 534 प्रखंडों के लिए एक-एक मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई के परिचालन की व्यवस्था की गयी है।
मोबाइल पशु चिकित्सा इकाईयों के परिचालन से सुदूर इलाकों से बीमार पशुओं को पशु चिकित्सालय तक लाने में होने वाली कठिनाईयों से पशुपालकों को राहत मिलेगी, बीमार पशुओं को पशु चिकित्सालय लाने में लगने वाले समय एवं व्यय की बचत होगी। इसके साथ अस्वस्थ पशुओं की त्वरित एवं गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा संभव हो सकेगी। पशुओं के स्वास्थ्य एवं उत्पादकता में सुधार लाया जा सकेगा। पशुओं में संक्रामक रोग फैलने की स्थिति में रोग की त्वरित जांच एवं प्रभावी नियंत्रण भी किया जा सकेगा तथा पशुपालकों के बीच विभागीय योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जायेगा।
मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई जीपीएस सुविधा युक्त एक सुसज्जित वाहन है, जिसमें पशु रोगों की पहचान, पशु चिकित्सा एवं लघु सर्जरी, ऑडियो विजुअल प्रचार के लिए आवश्यक उपकरण के साथ पशुओं की चिकित्सा के लिए आवश्यक दवा इत्यादि के साथ कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा उपलब्ध रहेगी। मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई में एक पशु चिकित्सक, एक पशु चिकित्सा सहायक एवं एक चालक-सह-परिचारी की व्यवस्था की गयी है। मोबाईल पशु चिकित्सा इकाई का परिचालन प्रत्येक कार्य दिवस में प्रातः नौ बजे से शाम पांच बजे तक किया जायेगा।
पशुपालकों की सुविधा के लिए एक कॉल सेंटर की स्थापना राज्य मुख्यालय स्तर पर पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान, पटना के परिसर में की गयी है। कॉल सेन्टर में चार अनुभवी पशु चिकित्सकों एवं बारह कॉल सेंटर एक्जिक्यूटिव की व्यवस्था की गयी है। साथ ही एक मोबाइल एप्प भी विकसित किया गया है। पशुपालक अपने मोबाइल पर उक्त एप्प को डाउनलोड कर पशु चिकित्सा सेवाओं के लिए सम्पर्क कर सकते हैं।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री रेणु देवी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार सहित पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।