मोदी ने मुंबई में अभिजात मराठी भाषा कार्यक्रम में हिस्सा लिया
मुंबई, 05 अक्टूबर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को महाराष्ट्र के एक दिवसीय दौरे के दौरान अभिजात मराठी भाषा कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
इस अवसर पर श्री मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने मराठी भाषा को आधिकारिक रूप से शास्त्रीय भाषा का दर्जा दे दिया है। उन्होंने इसे मराठी भाषा के इतिहास में एक स्वर्णिम मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि उन्होंने मराठी भाषी लोगों की दीर्घकालिक आकांक्षाओं को स्वीकार किया और महाराष्ट्र के सपने को पूरा करने में योगदान देने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने महाराष्ट्र के लोगों को बधाई दी और इस ऐतिहासिक उपलब्धि का हिस्सा बनने पर गर्व व्यक्त किया।
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि बंगाली, पाली, प्राकृत और असमिया को भी शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया है और इन भाषाओं से जुड़े लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मराठी भाषा का इतिहास बहुत समृद्ध रहा है और इस भाषा से निकली ज्ञान की धाराओं ने कई पीढ़ियों का मार्गदर्शन किया है और वे आज भी हमारा मार्गदर्शन कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि मराठी का उपयोग करते हुए संत ज्ञानेश्वर ने लोगों को वेदांत की चर्चा से जोड़ा और ज्ञानेश्वरी ने गीता के ज्ञान से भारत के आध्यात्मिक ज्ञान को फिर से जागृत किया। श्री मोदी ने कहा कि संत नामदेव ने मराठी का उपयोग करके भक्ति के मार्ग की चेतना को मजबूत किया, इसी तरह संत तुकाराम ने मराठी भाषा में धार्मिक जागरूकता अभियान चलाया और संत चोखामेला ने सामाजिक परिवर्तन के आंदोलनों को सशक्त बनाया। उन्होंने कहा, “मैं महाराष्ट्र और मराठी भाषा के महान संतों को नमन करता हूं।”
श्री मोदी ने कहा कि मराठी भाषा को शास्त्रीय दर्जा दिए जाने का मतलब है कि पूरा देश छत्रपति शिवाजी महाराज के 350वें राज्याभिषेक वर्ष के अवसर पर उनका सम्मान करता है।