कांग्रेस अपने किसी भी वादे को कभी भी पूरा नहीं कर पाई, जबकि भाजपा ने जो कहा, उसे पूरा किया : सुधांशु त्रिवेदी
नई दिल्ली। भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि कांग्रेस ऐसा कहकर स्वयं अपना ही मजाक बना रही है। कांग्रेस अपने किसी भी वादे को कभी भी पूरा नहीं कर पाई, जबकि इसके विपरीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा ने जो भी कहा, उसे पूरा करके दिखाया। उन्होंने कहा कि किसी भी विराट व्यक्ति को कितना भी छोटा करने का प्रयास किया जाए, लेकिन इससे उनकी विराटता पर कोई असर नहीं पड़ता है।
भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे देश के वरिष्ठ और कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता हैं और उनके मुंह से अनायास सच निकल गया है। उन्होंने खड़गे के ताजा बयान पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि तारीख बदलते ही उनके विचार बदल गए। खड़गे साहब अभी सच बोल रहे हैं या 24 घंटे पहले सच बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दिखाया है कि अगर सत्ता जनता के लिए संपत्ति और समृद्धि बननी चाहिए, तो उनके हाथ में आकर वो विपत्ति बन जाती है। एक जमाने में महात्मा गांधी की कांग्रेस अब अर्बन नक्सल विचारधारा से प्रेरित राहुल गांधी की कांग्रेस बन गई है। भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता ने मोदी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने जनता के सामने नेताओं की विश्वसनीयता को फिर से स्थापित किया है। पिछले कुछ बजट में लगातार लग्जरियस आइटम पर टैक्स बढ़ाना और जरूरतमंद जनता को मुफ्त में अनाज मुहैया कराना, उनके लिए कल्याणकारी योजनाओं को चलाना, यह गरीबों की मदद करने के भगवान राम के आदर्श से प्रेरित है। मगर अफसोस की बात है कि कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिसमें कांग्रेस पार्टी और विपक्षी दल प्रमुख हैं, जिनके दिमाग इतने खाली होते हैं कि सत्ता में आने पर खजाना खाली कर देते हैं और इसके बावजूद जनता को वांछित व्यवस्था उपलब्ध नहीं कराते हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने किसी भी वादे को कभी भी पूरा नहीं कर पाई और जब-जब सत्ता में आई, तो उस प्रदेश और देश के लिए आर्थिक चुनौतियां लेकर आती है। कांग्रेस की सरकार जिन-जिन राज्यों में है- वहां की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है। हिमाचल में तो उनके पास इतना भी पैसा नहीं रह गया है कि वो सही ढंग से सैलरी दे सकें। ऐसा ही हालत कर्नाटक में है। इससे पहले उन्होंने राजस्थान और छत्तीसगढ़ के अपने पिछले कार्यकाल में भी जनता के साथ ऐसा ही व्यवहार किया था। जबकि पीएम मोदी ने जनधन खाता योजना, स्वच्छता अभियान,ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा देने, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर बनाने सहित जितने भी वादे किए थे, उन सबको पूरा करके दिखाया है।
त्रिवेदी ने रोजगार, देश की अर्थव्यवस्था, देश के आर्थिक विकास, ईपीएफओ के आंकड़े, देश की आंतरिक एवं बाहरी सुरक्षा, भारत-पाकिस्तान सीमा एवं भारत चीन सीमा के हालात, दुनिया की महाशक्तियों के साथ भारत के संबंधों, दुनिया के ताकतवर नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबंधों सहित अन्य कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने देश को कांग्रेस राज की तरह कभी झुकने नहीं दिया, बल्कि हर जगह भारत का मान-सम्मान बढ़ाया। आज पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा, अगर कांग्रेस को देश की उपलब्धियां नजर नहीं आ रही हैंं, तो यह उसके नजरिए का दोष है। पीएम मोदी ने कहा है कि ना खाऊंगा और ना खाने दूंगा। इससे कांग्रेस के दिल का दर्द इतना उभरा होगा कि जब से नरेंद्र मोदी आए हैं, उनका खाना मुहाल हो गया है। जब राजीव गांधी कहते थे कि एक रुपये भेजता हूं, तो जनता के पास 15 पैसे ही पहुंचते हैं, 85 पैसे बीच में गायब हो जाते हैं। इसलिए कांग्रेस की छटपटाहट अब समझी जा सकती है। कांग्रेस में ये घबराहट और बौखलाहट इसलिए भी है, क्योंकि वह 139 साल के इतिहास के सबसे न्यूनतम स्तर पर है। कांग्रेस में इससे पहले भी कई नेता हुए, जिनमें से कई को जनता ने खलनायक के रूप में भी देखा, लेकिन पहली बार कांग्रेस के इतिहास में कोई नेता उपहास का पात्र बना है और कांग्रेस के लिए इससे बुरा दिन नहीं हो सकता।
उन्होंने संजय राउत के बयान को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि उनका यह बयान महिलाओं के प्रति इंडी गठबंधन की भर्त्सना योग्य, निंदनीय और निम्न मानसिकता का प्रतीक है। बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को भाजपा ही लागू कर रही है। फारूक अब्दुल्ला के बयान को लेकर उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद उन्हें यह एहसास हो गया है कि राष्ट्र विरोधी शक्तियों के साथ किस गंभीरता और दृढ़ता के साथ डील करना चाहिए। उ
न्होंने कहा कि सत्ता से बाहर रहने के दौरान उन्होंने कई बार गैर-जिम्मेदाराना और राष्ट्र विरोधी बयान दिया था लेकिन अब उन्हें इस बात का अहसास हो गया है तो आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में उमर अब्दुल्ला की सरकार को पूरी तरह से मोदी सरकार का साथ देना चाहिए। अगर उनके पास कोई इनपुट है तो उन्हें उपराज्यपाल और केंद्र सरकार के साथ साझा करना चाहिए। उन्होंने ओवैसी के बयान पर भी कटाक्ष करते हुए पलटवार किया।
–आईएएनएस