आदिवासी समाज के संवेदनशीलता से खिलवाड़ व संवैधानिक प्रहार है घुसपैठ : अर्जुन मुंडा
दुमका, 17 नवंबर । पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने रविवार को एक प्रेसवार्ता कर हेमंत सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि वर्तमान में जो घुसपैठ का मुद्दा है वह न केवल जमीन पर कब्जा कर रहे हैं, न केवल राज्य की बहू-बेटियों की इज्जत से खिलवाड़ कर रहे हैं, बल्कि राज्य की संवैधानिक सवाल बनता है। यह अनुसूचित क्षेत्र है, यहां की डेमोग्राफी बदल रहा है। सरकार को यह मालूम होना चाहिए कि यदि अनुसूचित क्षेत्र की डेमोग्राफी बदल रहा है, तो न केवल अनुसूचित जनजातियों के अधिकारों से खिलवाड़ हो रहा है और संवैधानिक ढाचा पर प्रहार हो रहा है। आदिवासी समाज इस मामले में संवेदनशील है और सरकार के रवैये के प्रति काफी दुखी है।
उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार के पांच साल के कार्यकाल को देंखे तो केवल लोगों को उलझाने का काम किया है। विकासात्मक कार्यों को अगर देंखे तो केंद्र सरकार के राशि और राज्य की संसाधनों की लूट मची है। ठेकेदारी मैनेज कर ऊपरी आमदनी में लोग जुटे हैं। पदाधिकारियों के पदस्थापन में भी भारी वसूली की जाती है। इसलिए जनता को न्याय नहीं मिल पा रहा है,इसलिए भाजपा केवल ऐसी पार्टी है,जो राज्य की जनता को न्याय दिला सकती है। राज्य की जनता को न्याय दिलाने का संकल्प भाजपा ही ली है। गांव, पंचायत व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए भाजपा संकल्प ली है।
उन्होंने कहा कि राज्य की जनता इस सरकार को बदलने का मन बना ली है। महागठबंधन के कांग्रेस के मर्जी के खिलाफ झारखंड का गठन हुआ है, इसलिए सत्ता में पीछे के रास्ते से आकर लूट-खसोट मचाने पर लगे हैं। सत्ता की चाभी झामुमो को देकर लूट-खसोट में लगे हैं। कहीं करोड़ो-करोड़ घोटाले के पैसे बरामद हो रहा है। घोटाले के लिए करोड़ों के ओवर स्टिमेट बन रहे हैं। करोड़ों के प्राकलन बन रहे हैं। प्राकलन खोटाला हो रहा है। प्राक्कलन के अनुसार भी कार्यों में भी गुणवत्ता की कमी हो रही है। दुमका विधानसभा के जनप्रतिनिधि बसंत सोरेन उपलब्ध नहीं रहते हैं। वह अवैध कार्यों में संलिप्त रहते हैं।