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स्टार्टअप में निवेश, मार्गदर्शन के लिए फ्लिपकार्ट के साथ उद्योग विभाग का समझौता

नयी दिल्ली, 9 दिसंबर : उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में भारतीय घरेलू ई-कॉमर्स बाजार फ्लिपकार्ट के साथ भागीदारी की है और पूरे देश में तकनीकी स्टार्टअप को समर्थन प्रदान करने एवं उसे सशक्त बनाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की सोमवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार इस साझेदारी का उद्देश्य अन्वेषकों और उद्यमियों के विकास को प्रोत्साहित करना है, यह साझेदारी 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर निधि के साथ फ्लिपकार्ट लीप एंड वेंचर्स पहल के अंतर्गत मौजूदा प्रयासों को आगे बढ़ाती है। अब तक कंपनी ने 20 कंपनियों में निवेश किया है और उच्च विकास क्षमता वाले स्टार्टअप की पहचान कर रहा है।
यह सहयोग स्टार्टअप को बाजार अनुसंधान के लिए सरकारी अधिकारियों द्वारा प्रकाशित उद्योग रिपोर्ट, शोध पत्र, डेटासेट और अन्य अध्ययनों तक पहुंच प्रदान करेगा और अवसरों के लिए स्टार्टअप द्वारा दायर फास्ट-ट्रैक पेटेंट आवेदनों तक पहुंच प्रदान करेगा।
देश में स्टार्टअप इंडिया के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के बारे में अपने दृष्टिकोण को साझा करते हुए संजीव, संयुक्त सचिव, स्टार्टअप इंडिया ने कहा कि यह नवाचार एवं उद्यमिता की भावना को दर्शाता है जो हमारे देश की प्रगति को आगे बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि समझौता ज्ञापन स्टार्टअप को नयी ऊंचाइयों तक पहुंचने में सक्षम बनाने के लिए एक संपन्न वातावरण के लिए तालमेल स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि यह सहयोग आइडिया को प्रभावशाली समाधानों में बदलने में गति प्रदान करेगा, वैश्विक नवाचार नेता के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करेगा।
फ्लिपकार्ट समूह के कॉर्पोरेट मामलों के मुख्य अधिकारी रजनीश कुमार ने कहा कि एमओयू रणनीतिक समर्थन, संसाधन पहुंच एवं वैश्विक बाजार संपर्क के माध्यम से स्टार्टअप को सशक्त बनाने के कंपनी के लक्ष्य को दर्शाता है। निरंतर सहयोग एवं संयुक्त तालमेल के साथ, फ्लिपकार्ट का लक्ष्य उद्यमियों के लिए 10 करोड़ अमरीकी डालर के उद्यम निधि के साथ अवसरों को खोलना है जिससे भारत और उससे बाहर प्रौद्योगिकी एवं व्यापार के भविष्य को आकार देने वाली सफलताओं को आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि फ्लिपकार्ट प्रोटोटाइप विकास जैसे विभिन्न मील के पत्थर के लिए संसाधन, मार्गदर्शन एवं समर्थन प्रदान करेगा और अंतरराष्ट्रीय विस्तार के लिए संपर्क और अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा।

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