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पाकिस्तान : टीटीपी का आतंक जारी, परमाणु ऊर्जा आयोग के 16 कर्मचारियों को बनाया बंधक

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने कथित तौर पर पाकिस्तान परमाणु ऊर्जा आयोग (पीएईसी) के 16 कर्मचारियों का अपहरण कर लिया है। स्थानीय पुलिस ने तत्काल तलाशी अभियान शुरू किया और आठ बंधकों को सफलतापूर्वक बचा लिया।

काबुल खेल परमाणु ऊर्जा खनन परियोजना में काम करने जा रहे श्रमिकों पर भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने घात लगाकर हमला किया। बंदूक की नोक पर लोगों को बंधक बनाने के बाद हमलावरों ने उनके वाहन में आग लगा दी और मौके से भाग गए।

स्थानीय पुलिस ने आठ बंधकों को बचा लिया। हालांकि, मुक्त कराए गए लोगों में से तीन ऑपरेशन के दौरान घायल हो गए, जिनमें से एक की हालत गंभीर है। शेष बंधकों को छुड़ाने के प्रयास जारी हैं।

टीटीपी ने अपहरण की जिम्मेदारी ली है और किडनैप किए गए श्रमिकों का एक वीडियो जारी किया है। फुटेज में, कुछ बंधकों ने अधिकारियों से समूह की मांगों का पालन करके उनकी रिहाई सुनिश्चित करने की अपील की।

इन मांगों में कथित तौर पर पाकिस्तानी जेलों में बंद टीटीपी कैदियों को रिहा करना भी शामिल है। वीडियो या आतंकवादियों के दावों का स्वतंत्र सत्यापन अभी लंबित है।

किडनैप कर्मचारी ऊर्जा, कृषि और चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में शांतिपूर्ण परमाणु एप्लीकेशन को एडवांस करने पर केंद्रित संगठन पीएईसी के तहत खनन परियोजनाओं में लगे हुए थे।

यह अपहरण पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों की लगातार सिलसिले के बीच हुआ। एक दिन पहले ही, बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के अलगाववादी आतंकवादियों ने बलूचिस्तान में एक हमला किया। इसमें एक दूरदराज के जिले में सरकारी कार्यालयों और एक बैंक को निशाना बनाया गया। हालांकि किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन यह हमला देश भर में विद्रोही अभियानों की बढ़ती तीव्रता को दर्शाता है।

पाकिस्तानी अधिकारियों का आरोप है कि टीटीपी और बलूच विद्रोही अफगानिस्तान में शरणस्थलों से अपनी गतिविधियां चलाते हैं। काबुल ने इस आरोप का खंडन किया है।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा एक वैश्विक आतंकवादी संगठन नामित टीटीपी को हाल के आकलन में अफगानिस्तान का सबसे बड़ा आतंकवादी समूह बताया गया है, जिसके हजारों लड़ाके इस क्षेत्र में सक्रिय हैं।

–आईएएनएस

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