खासमहल लीजधारी समिति की बैठक में शामिल हुए भू राजस्व मंत्री दीपक विरुआ: लीज की जमीन को फ्री होल्ड करने की मांग की
- सरकार राजस्व संग्रह और लीज धारी की समस्याओं को दूर करने का कानून सम्मत हर संभव कार्य और प्रयास करेगी : मंत्री
चाईबासा : खासमहल लीज धारी समिति की बैठक आज स्थानीय परिषद में भू राजस्व एवं परिवहन मंत्री दीपक विरुवा की उपस्थिति में हुई। जिसमें खास महल लीज धारी उपस्थित थे। खास महल लीज धारी समिति ने भू राजस्व मंत्री से खासमहल लीज की जमीन को फ्री होल्ड करने की मांग की। खासमहल लीज से संबंधित लीज धारी को लीज नवीकरण , लीज की जमीन का नाम ट्रांसफर, घरेलू उपयोग पर ली गई जमीन का व्यवसायिक उपयोग करने, भारी भरकम टैक्स, कानूनी दांव पेंच से राहत दिलाने की मांग की और कई सुझाव दिए ,अनुरोध किया। ताकि लीज धारी को राहत मिल सके।
सरकार द्वारा जिस शर्त पर लीज धारी को लीज की जमीन दी गई। वर्तमान में लीज नवीकरण और लीज की जमीन को लेकर जो सरकार द्वारा नियम कानून व्यवस्था और सिस्टम बनाया गया है, वह काफी जटिल है और कई गुना अधिक टैक्स होने , डोमेस्टिक जमीन का व्यवसायिक उपयोग पर टैक्स देने में असमर्थ होने, लीज नवीकरण नहीं होने की बात कही।
लीज धारियों ने मंत्री के समक्ष 3 सुझाव दिए, जिसमें पहला लीज की जमीन को फ्री होल्ड करने, दूसरा लीज की जमीन का लीज नवीकरण में जटिल प्रक्रिया को समाप्त करने नया और किसी तरह का टैक्स नहीं लगाने, घरेलू उपयोग के नाम पर ली गई जमीन का व्यवसायिक उपयोग पर टैक्स और जुमार्ना नहीं लगाने, पूरे लीज की जमीन की खरीद बिक्री की अनुमति होने, उसका बृहद रूप से व्यावसायिक उपयोग होने, बैंक से लीज की जमीन पर कर्ज आदि भुगतान होने, अथवा 100 सालों के लिए लीज की जमीन देने , लीज नवीकरण करने सहित कई मांगे रखी ।समिति के सभी बातों और प्रस्ताव को मंत्री भी भू राजस्व मंत्री दीपक विरुवा ने काफी गंभीरता से सुना और समझा। समिति ने मंत्री दीपक विरुवा को लीज धारियो ने लीज से संबंधित मांगों को लेकर ज्ञापन भी सौंपा।
कई लीजधारियो ने अपनी अपने बाते और लीज नवीकरण से संबंधित समस्याएं रखी। मंत्री दीपक विरुवा ने लीज धारी को आवश्यक और सकारात्मक कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया। मंत्री दीपक विरुवा ने कहा कि उनकी पहल पर सरकार, मुख्यमंत्री द्वारा सचिव स्तर की एक कमेटी बनाई गई है जो लीज नवीकरण, लीज से संबंधित समस्याओं, निराकरण आदि को लेकर अपनी रिपोर्ट देगी। सरकार राजस्व संग्रह और लीज धारी की समस्याओं को दूर करने का कानून सम्मत हर संभव कार्य और प्रयास करेगी।
बैठक में लीजधारी समिति में अधिवक्ता समिति के संयोजक अमरेश जायसवाल, नितिन प्रकाश, चाईबासा चेंबर के अध्यक्ष मधुसूदन अग्रवाल, पश्चिमी चेंबर के अध्यक्ष राजकुमार ओझा ,सचिव संतोष सिंहा, अनिल खिरवाल,संतोष सुल्तानिया सहित कई निर्धारित शामिल थे।
- लीज धारी हो गए गायब, अवैध रूप से खरीद बिक्री करने वालों का जमीन पर है अवैध कब्जा
खासमहल लीज की जमीन की बड़े पैमाने पर अवैध रूप से खरीद बिक्री हुई है। बैठक में लीज की जमीन की लाखों करोड़ों में खरीद बिक्री होने और ब्लैक मनी से लीज की जमीन की खरीद बिक्री होने की बात भी लीजधारी समिति की बैठक में संयोजक अमरेश जायसवाल ने कही। लीज धारियों ने लीज शर्तों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन किया गया है ।सरकार ने लीज की जमीन लीज धारियों को जिस उपयोग , प्रायोजन , शर्त के साथ दी है उसका बड़े पैमाने पर उल्लंघन हुआ है।
लीज शर्तों का पालन नहीं हुआ है । घरेलू उपयोग के नाम पर ली गई जमीन का बड़े पैमाने पर व्यावसायिक उपयोग हुआ और हो रहा है। घरेलू उपयोग के नाम पर ली गई लीज की जमीन पर दुकान, मकान, फ्लैट , आलीशान भवन आदि बनाकर व्यावसायिक उपयोग हो रहा है और लीज की जमीन का लाखों करोड़ों में अवैध रूप से खरीद बिक्री किया गया और वर्तमान में भी किया जा रहा है। लीज की जमीन से लीजधारी द्वारा मुनाफा कमाया जा रहा है वहीं लीजा नवीकरण नहीं होने से सरकार को भारी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
पूरे जिले में लगभग 2300 लीज धारी है जिसमें चाईबासा में ही 1900 के लगभग लीज धारी है जिसमें अभी तक 700 से 750 लोगों ने अपना लीज नवीकरण कराया है। 1990- 95 से लगभग 30 से 40 वर्षों से लीज की जमीन का नवीकरण नहीं हो पाया है। जिससे सरकार को भारी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है। वही अब लीज की जमीन की कीमत करोड़ों ,अरबों में हो गई है। वर्तमान जमीन के मूल्य मूल्य के आधार पर सरकार ने लीज की जमीन का टैक्स लगाया है ।जिसे लीज धारी नहीं दे रहे हैं।
सबसे मजेदार बात है कि असली लीज धारी गायब हो गए हैं और अवैध रूप से लिस्ट की जमीन खरीदने वाले लोगों का जमीन पर कब्जा हो गया है। आधे से अधिक लीज धारियों ने अपनी अपनी लीज की जमीन अवैध और गलत तरीके से बिक्री कर दी है। अब असली धारी निर्धारित नवीकरण के पचरा में पड़ना नहीं चाहते और जिन्होंने अवैध रूप से गलत तरीके से लीज की जमीन खरीदी है, वह लीज नवीकरण नहीं करा सकते। अपने नाम पर बिना सरकार के अनुमति से लीज ट्रांसफर नहीं करा सकते हैं। मामला यहीं फंस गया है इसलिए प्लीज की जमीन को फ्री होल्ड करने की मांग उठ रही है लेकिन एक और पेचीदगी यह है कि जब लीज की जमीन फ्री होल्ड होगी तो असली लीज धारी के नाम पर वह जमीन होगी।
जबकि अधिकांश, आधे से अधिक लीज धारियों ने लीज की जमीन बेच दी है और वह शहर छोड़ कर जा चुके हैं। उस स्थिति में लीज की जमीन फ्री होल्ड होने से फिर जमीन को लेकर विवाद बढ़ेगा। एक लीज की जमीन की कई बार तक खरीद बिक्री हो चुकी है। आपसी सहमति, स्टैंप पेपर ,रिवेन्यू ,नॉन जुडिशल स्टाम, शादे कागज पर लाखों करोड़ों में लेनदेन कर लीज की जमीन की खरीद बिक्री अवैध रूप से हुई है और वर्तमान में भी लीज की जमीन की खरीद बिक्री जारी है।
इसी तरह घरेलू उपयोग के नाम पर ली गई जमीन का बड़े पैमाने पर दुकान, माल ,मार्केट, घर ,मकान आदि बनाकर व्यवसाय किया जा रहा है।एक एक दुकान की 10 से 15, 15 से 50 लाख तक पगड़ी ली रही है। हजारों सीएफटी के दर से भाड़ा लिया जा रहा है।लीज की जमीन से लाखों रुपया मुनाफा कमाया जा रहा है । भाड़े पर लगाकर हजारों, लाखों रुपया लिया जा रहा है। मगर सरकार को निर्धारित राशि देकर लीज धारी अपना जमीन का लीज नवीकरण नहीं करा रहे हैं और दबाव बनाकर लीज की जमीन जो सरकार की जमीन है, उस लीज की जमीन को फ्री होल्ड करा कर जमीन के मालिक बनना चाहते हैं ।