सरकार ने एआई को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं : सीतारमण
कोट्टायम 22 फरवरी : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को बढ़ावा देने, अंतरिक्ष और ड्रोन जैसे अगली पीढ़ी के क्षेत्रों में अवसरों को बढ़ावा देने तथा विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार के लिए कई पहल की हैं।
श्रीमती सीतारमण ने केरल में कोट्टायम स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ‘इंडिया एआई मिशन’ को कंप्यूटिंग बुनियादी ढांचे के निर्माण, स्वदेशी एआई क्षमताओं को विकसित करने, एआई प्रतिभा को आकर्षित करने और एआई स्टार्ट-अप के वित्तपोषण के लिए 10,300 करोड़ रुपए के बजट के साथ शुरू किया गया था। इसी तरह हेल्थकेयर, कृषि और टिकाऊ शहरों पर केंद्रित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में उत्कृष्टता के तीन केंद्रों की घोषणा 2023 में की गई थी। उन्होंने कहा,“इस साल के बजट में, हमने शिक्षा पर केंद्रित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में उत्कृष्टता के एक और केंद्र की घोषणा की है।”
वित्त मंत्री ने बताया कि इन-स्पेस ने विस्तार के लिए गैर-सरकारी संस्थाओं के साथ 70 से अधिक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं ताकि इन संगठनों को अंतरिक्ष क्षेत्र से जुड़ी उनकी गतिविधियों को संचालित करने के लिए आवश्यक सहायता उड़ान की जा सके।
उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि जनवरी 2023 में शुरू किया गया राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, पांच वर्षों के लिए लगभग 20,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ, भारत को ग्रीन हाइड्रोजन और इसके डेरिवेटिव के उत्पादन, उपयोग और निर्यात के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाएगा और 2047 तक भारत को ऊर्जा-स्वतंत्र होने में सक्षम बनाएगा।
श्रीमती सीतारमण्य भारत सेमीकंडक्टर मिशन, 2021, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास का समर्थन करने और क्वांटम प्रौद्योगिकियों में एक जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए 2023 में राष्ट्रीय क्वांटम मिशन को मंजूरी , नए उदीयमान क्षेत्रों में अनुसंधान और नवाचार का समर्थन करने के लिए दीर्घकालिक वित्तपोषण प्रदान करने के लिए एक लाख करोड़ रुपये का ‘अनुसंधान कोष’ और आईआईटी और आईआईएससी में तकनीकी अनुसंधान के लिए 10,000 पीएम रिसर्च फेलोशिप जैसी पहल का भी उल्लेख किया
उन्होंने कहा किकौशल के लिए 5 राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों ने हमारे युवाओं को ‘मेक फॉर इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ विनिर्माण के लिए आवश्यक कौशल से लैस करने का प्रस्ताव किया गया है।
श्रीमती सीतारमण ने कहा,“हमने ‘अनुसंधान, विकास और नवाचार’ पहल के लिए 20,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।”