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प्रधानमंत्री ने महाकुम्भ को सफल बनाने के लिए देशवासियों के परिश्रम, प्रयास और संकल्प की सराहना की

लखनऊ। महाशिवरात्रि के दिन अंतिम स्नान के साथ प्रयागराज महाकुम्भ का 45 दिन बाद समापन हो गया। दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन में देश-दुनिया के 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगायी। इस आयोजन की सफलता पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को उनके परिश्रम, प्रयास और संकल्प की सराहना की।

प्रधानमंत्री ने एक्स पोस्ट में कहा कि महाकुम्भ संपन्न हुआ, एकता का महायज्ञ संपन्न हुआ। महाकुम्भ में जिस बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भागीदारी की है वो सिर्फ एक रिकॉर्ड नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति और विरासत को सुदृढ़ और समृद्ध रखने के लिए कई सदियों की एक सशक्त नींव भी रख गया है। प्रयागराज में एकता के महाकुम्भ में पूरे 45 दिनों तक जिस प्रकार 140 करोड़ देशवासियों की आस्था एक साथ, एक समय में इस एक पर्व से आकर जुड़ी, वो अभिभूत करता है। महाकुम्भ के पूर्ण होने पर जो विचार मन में आए, उन्हें मैंने कलमबद्ध करने का प्रयास किया है।

उन्होंने कहा कि महाकुम्भ में जिस भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने भागीदारी की है वो सिर्फ एक रिकॉर्ड नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति और विरासत को सुदृढ़ और समृद्ध रखने के लिए कई सदियों की एक सशक्त नींव भी रख गया है। प्रयागराज का महाकुम्भ आज दुनियाभर के मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स के साथ ही प्लानिंग और पॉलिसी एक्सपर्ट्स के लिए भी रिसर्च का विषय बन गया है। आज अपनी विरासत पर गौरव करने वाला भारत अब एक नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है। ये युग परिवर्तन की वो आहट है, जो देश का नया भविष्य लिखने जा रही है। समाज के हर वर्ग और हर क्षेत्र के लोग इस महाकुंभ में एक हो गए। ये एक भारत श्रेष्ठ भारत का चिर स्मरणीय दृश्य करोड़ों देशवासियों में आत्मविश्वास के साक्षात्कार का महापर्व बन गया।

मोदी ने कहा कि वाराणसी का सांसद होने के नाते मैं गर्व से कह सकता हूं कि योगी जी के नेतृत्व में शासन, प्रशासन और जनता ने मिलकर इस एकता के महाकुम्भ को सफल बनाया। केंद्र हो या राज्य हो, यहां ना कोई शासक था, न कोई प्रशासक था, हर कोई श्रद्धा भाव से भरा सेवक था। हमारे सफाईकर्मी, हमारे पुलिसकर्मी, नाविक साथी, वाहन चालक, भोजन बनाने वाले, सभी ने पूरी श्रद्धा और सेवा भाव से निरंतर काम करके इस महाकुम्भ को सफल बनाया। विशेषकर, प्रयागराज के निवासियों ने इन 45 दिनों में तमाम परेशानियों को उठाकर भी जिस तरह श्रद्धालुओं की सेवा की है, वह अतुलनीय है। मैं प्रयागराज के सभी निवासियों का, उत्तर प्रदेश की जनता का आभार व्यक्त करता हूं, अभिनंदन करता हूं। उन्होंने कहा कि एकता के महाकुम्भ को सफल बनाने के लिए देशवासियों के परिश्रम, उनके प्रयास, उनके संकल्प से अभीभूत मैं द्वादश ज्योतिर्लिंग में से प्रथम ज्योतिर्लिंग श्रीसोमनाथ के दर्शन करने जाऊंगा। मैं श्रद्धा रूपी संकल्प पुष्प को समर्पित करते हुए हर भारतीय के लिए प्रार्थना करूंगा। मैं कामना करूंगा कि देशवासियों में एकता की ये अविरल धारा ऐसे ही बहती रहे।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का जताया आभारमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री का आभार जताया। मुख्यमंत्री ने एक्स पोस्ट में कहा कि प्रधानमंत्री जी, यह आपके यशस्वी मार्गदर्शन का ही सुफल है कि एकता, समता, समरसता का महायज्ञ महाकुम्भ-2025 भव्यता-दिव्यता के साथ सुरक्षा-स्वच्छता-सुव्यवस्था के नवीन मानक गढ़कर संपन्न हो गया है। विगत 45 पुण्य दिवसों में पूज्य साधु-संतों समेत 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पावन त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाकर कृतार्थ हुए हैं। सकल विश्व को ‘सभी जन एक हैं’ का अमृत संदेश देने वाला यह मानवता का महोत्सव वसुधैव कुटुंबकम् के पुण्य भाव के साथ संपूर्ण विश्व को एकता के सूत्र में पिरो रहा है।

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