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चुनाव आयोग के प्रतिनिधियों को राजनीतिक दलों के साथ नियमित बैठकें करने के निर्देश

नयी दिल्ली, 04 फरवरी: मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने आयोग के अधिकारियों को राजनीतिक दलों के लिए सुलभ और उत्तरदायी होने का निर्देश देते हुए सभी वैधानिक स्तरों पर सभी दलों की बैठकें नियमित रूप से आयोजित करने तथा 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों का संविधान के अनुसार मतदाता सूची में पंजीकरण सुनिश्चित करने को कहा है।

इस तरह के निर्देश का उद्येश्य जानी चाहिए ताकि निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी ( ईआरओ ) या जिला चुनाव अधिकारी ( डीईओ ) या मुख्य चुनाव अधिकारी ( सीईओ)जैसे सभी सक्षम प्राधिकारियों द्वारा मौजूदा वैधानिक ढांचे में किसी भी मुद्दे को हल तत्परता से किया जा सके।

आयोग की मंगलवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार प्रत्येक सीईओ द्वारा विषय संबंधित की गई कार्रवाई की रिपोर्ट 31 मार्च, 2025 तक उनके संबंधित डीईसी को प्रस्तुत की जानी है।

निर्वाचन आयोग ने आज राजधानी में सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों का दो दिवसीय सम्मेलन शुरू किया। श्री ज्ञानेश कुमार के मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से यह पहला ऐसा सम्मेलन है। श्री कुमार और निर्वाचन आयुक्त (ईसी) डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी ने सीईओ के साथ चुनाव प्रबंधन संबंधी कई विषयों पर बातचीत की ।

विज्ञप्ति के मुताबिक मुख्य चुनाव आयुक्त कुमार ने अपने संबोधन में देश भर के सभी सीईओ, डीईओ, ईआरओ, बीएलओ सहित सभी अधिकारियों से पारदर्शी तरीके से काम करने और सभी वैधानिक दायित्वों को पूरी लगन से पूरा करने और समय-समय पर ईसीआई द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार काम करने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारत के सभी नागरिक जो 18 वर्ष से अधिक आयु के हैं, संविधान के अनुच्छेद 325 और अनुच्छेद 326 के अनुसार मतदाता के रूप में पंजीकृत हो। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी बीएलओ को मतदाताओं के साथ विनम्र व्यवहार करने के लिए प्रशिक्षित किया जाए और यह भी सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी व्यक्ति झूठे दावों का उपयोग करकें चुनावी कर्मचारी या अधिकारी को भयभीत न करें।

इस सम्मेलन में अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे प्रत्येक मतदान केंद्र में 800-1200 मतदाताओं की उपस्थिति सुनिश्चित करने का प्रयास करें तथा यह सुनिश्चित करें कि मतदान केंद्र प्रत्येक मतदाता के निवास से 2 किलोमीटर की दूरी पर हो तथा ग्रामीण क्षेत्रों में समुचित न्यूनतम सुविधाओं वाले मतदान केंद्र स्थापित किए जाने चाहिए। इसी तरह शहरी क्षेत्रों में मतदान बढ़ाने के लिए बड़ी इमारतों के साथ-साथ झुग्गी बस्तियों में भी मतदान केंद्र स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं।

निर्वाचन आयोग ने संवैधानिक ढांचे और क़ानूनी प्रावधानों के व्यापक अध्ययन के बाद, पूरी चुनाव प्रक्रिया में 28 अलग-अलग हितधारकों की पहचान की है । सम्मेलन का उद्देश्य इन चिन्हित हितधारकों में से प्रत्येक की क्षमता निर्माण को मजबूत करना है। इस सम्मेलन में पहली बार प्रत्येक राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों से एक जिला चुनाव अधिकारी और एक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं।

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