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स्वदेशी व लोकल फॉर वोकल का मंत्र अपनाएं छात्र:धनखड़

सिरसा,05 मार्च : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को ‘आर्थिक राष्ट्रवाद’ का उदाहरण देते हुए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जिक्र किया और विद्यार्थियों को ‘स्वदेशी’ अपनाने और ‘वोकल फॉर लोकल’ का मंत्र अपनाने का संदेश दिया।

श्री धनखड़ हरियाणा में सिरसा स्थित जननायक चौधरी देवीलाल विद्यापीठ के अब्दुल कलाम सभागार कक्ष में वार्षिक दीक्षांत समारोह-2025 में भाग लेते हुए इस आशय की बात कही। इस वार्षिक दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि श्री धनखड़ जबकि विशिष्ट अतिथि के तौर पर उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सुदेश धनखड़ ने शिरकत की।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यातिथि एवं अन्य अतिथियों द्वारा मॉ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस मौके पर जेसीडी विद्यापीठ की वार्षिक रिपोर्ट का भी सभी अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों एवं संस्थान की उपलब्धियों का व्याख्यान किया गया है।

इससे पहले श्री धनखड़ ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. चौ. ओम प्रकाश चौटाला की स्मृति में बनने वाले संग्रहालय की आधारशिला रखी। अभय सिंह चौटाला व संस्थान के चैयरमेन एवं रानियां के विधायक अर्जुन चौटाला ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में हरियाणा के कैबिनेट मंत्री रणबीर सिंह गंगवा,पूर्व वित्त मंत्री प्रो. संपत सिंह, कांता चौटाला, जिला प्रमुख करण चौटाला तथा जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक डॉ.जयप्रकाश भी उपस्थित रहे।

वार्षिक दीक्षांत समारोह में 430 से अधिक विद्यार्थियों को श्री धनखड़ द्वारा उपाधियां प्रदान की गई वहीं शिक्षा में बेहतर प्रदर्शन करते हुए विश्विद्यालय स्तर पर स्थान हासिल करने के लिए स्वर्ण पदक एवं प्रमाण-पत्र प्रदान करके सम्मानित किया गया।

श्री धनखड़ ने उपस्थित छात्र-छात्राओं से अपने संबोधन में कहा कि भारत इस वक्त संभावनाओं से भरा हुआ है और पूरी दुनिया के नजरें भारत पर टिकी हैं। इस वक्त भारत स्टार्टअप के लिए सबसे बड़ा इकोसिस्टम है और यहां पर इंटरनेट कंजप्शन विकसित देशों से भी ज्यादा है। भारत में डिजिटल ट्रांजेक्शन पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है। उन्होंने आर्थिक राष्ट्रवाद का उदाहरण देते हुए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जिक्र किया और विद्यार्थियों को स्वदेशी अपनाने और वोकल फॉर लोकल का मंत्र अपने का संदेश दिया।

उन्होंने विद्यार्थियों से पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के जीवन से प्रेरणा लेने का आवाहन करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा राष्ट्र को पहल दी और राष्ट्र को सर्वोपरि रखा। श्री धनखड़ ने कहा कि उन्होंने चौधरी देवीलाल जी से बहुत कुछ सीखा है जो आज भी उनके लिए उपयोगी है। इसके साथ ही उन्होंने जेसीडी के विद्याथिज़्यों को नएं संसद भवन में आने का निमंत्रण भी दिया और कहा कि नया भवन भारत के पांच हजार साल के इतिहास को प्रतिबिंबित करता है। वहां पर विद्यार्थी आएं और मेरे साथ लन्च करें।

उधर इससे पहले गांव ओढां स्थित माता हरकी देवी शिक्षण संस्थान में दीक्षांत समारोह-2025 यशस्वी भव: में उप-राष्ट्रपति धनखड़ मुख्यातिथि के तौर पर शामिल हुए। इस अवसर पर उनकी धर्मपत्नी डॉ सुदेश धनखड़ भी साथ थीं।

सर्वप्रथम उन्होंने एक पेड़ माँ के नाम मुहिम के तहत पौधरोपण किया। दीक्षांत समारोह में पहुंचने पर संस्थान के अध्यक्ष सरदार मनिंदर पाल सिंह बराड़, संस्थान की प्रबंध निदेशिका डॉ कुलदीप कौर आनंद‌ ने स्वागत किया।‌ कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलन व माता हरकी देवीकी प्रतिमा को पुष्पांजलि अर्पित करने से हुआ। तत्पश्चात अभय सिंह चौटाला ने गणमान्य अतिथियों का आभार व्यक्त किया व माता हरकी देवी शिक्षण संस्थान की स्थापना के उद्देश्य और प्रगति के बारे में जानकारी दी। सभी डिग्रीधारकों को शिक्षा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ कृष्ण कांत ने शपथ ग्रहण करवाई।

समारोह में संस्थान की 400 से अधिक संख्या में ग्रामीणंअंचल की मेधावी बेटियों को श्री धनखड़ ने प्रशस्ति पत्र व डिग्रियां देकर सम्मानित किया। सत्र में प्रथम आने वाली छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किए।

श्री धनखड़ ने अपने संबोधन में दीक्षांत समारोह को नींव का पत्थर बताते हुए कहा कि इसे शिक्षांत न समझें क्योंकि शिक्षा उम्र भर चलती है।‌ उन्होंने कहा कि कभी अपने लिए सीमा निर्धारित न करें और ना ही असफलता से डरें, प्रत्येक असफलता कुछ नया सीखा कर‌ जाती है। उन्होंने छात्राओं को सदैव अपने माता-पिता, गुरूजनों का सम्मान करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि माता हरकी देवी संस्थान में पहुंचना और इन बेटियों को सम्मानित करना मेरे लिए सुखद अनुभव की अनुभूति रही है।

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