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ट्रम्प ने उच्च टैरिफ को लेकर भारत पर निशाना साधा, दो अप्रैल से पारस्परिक टैरिफ लगाने की घोषणा

वाशिंगटन,05 मार्च : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारतीय टैरिफ व्यवस्था पर निशाना साधते हुए कहा है कि भारत अमेरिकी ऑटो टैरिफ पर 100 प्रतिशत से अधिक शुल्क लगाता है।

श्री ट्रप्म ने इसे अनुचित करार दिया और कहा कि दो अप्रैल से पारस्परिक टैरिफ लागू होंगे।

गौरतब है कि श्री ट्रंप ने पिछले महीने व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के दौरान और राष्ट्रपति पद के शपथ ग्रहण के बाद उनके (श्री मोदी) फोन कॉल के दौरान उच्च भारतीय टैरिफ का मुद्दा उठाया था। श्री ट्रम्प ने कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत,चीन और यूरोपीय संघ के साथ उन देशों में शामिल है, जो अमेरिकी उत्पादों पर “काफी अधिक टैरिफ” लगाते हैं।

उन्होंने कहा, “यदि आप अपना उत्पाद अमेरिका में नहीं बनाते हैं, तो आपको टैरिफ का भुगतान करना होगा, और कुछ मामलों में बहुत अधिक टैरिफ का भुगतान करना पड़ेगा।”

उन्होंने कहा,“कई देशों ने दशकों से हमारे खिलाफ टैरिफ का इस्तेमाल किया है, और अब उन देशों के खिलाफ इसका (टैरिफ) का उपयोग शुरू करने की हमारी बारी है। हमारी तुलना में यूरोपीय संघ, चीन, ब्राजील, भारत, मैक्सिको और कनाडा और कई अन्य देश हमसे बहुत अधिक टैरिफ वसूलते हैं।” उन्होंने कहा,“यह बहुत अनुचित है। भारत अमेरिका से 100 प्रतिशत से अधिक ऑटो टैरिफ वसूलता है।”

उन्होंने कहा कि अमेरिकी उत्पादों पर चीन का औसत टैरिफ हम जो शुल्क लगाते हैं, उसका दोगुना है। दक्षिण कोरिया का औसत टैरिफ चार गुना ज़्यादा है। चार गुना ज़्यादा के बारे में सोचिए। उन्होंने कहा, “यह दोस्त और दुश्मन दोनों के द्वारा हो रहा है। यह प्रणाली अमेरिका के लिए उचित नहीं है और कभी नहीं थी। उन्होंने 02 अप्रैल से पारस्परिक टैरिफ लगाने की घोषणा की और कहा, “इसलिए 02 अप्रैल को मैं 01 अप्रैल बनाना चाहता था, लेकिन मैं अप्रैल फूल दिवस का आरोप नहीं लगाना चाहता था। एक दिन ऐसा करने से हमें बहुत सारा पैसा खर्च करना पड़ेगा, लेकिन हम इसे अप्रैल में करने जा रहे हैं। मैं बहुत अंधविश्वासी व्यक्ति हूँ। दो अप्रैल से पारस्परिक टैरिफ लागू हो जाएँगे और वे हम पर या दूसरे देशों पर जो भी टैरिफ लगाएँगे, हम उन पर भी टैरिफ लगाएँगे। यह पारस्परिक आगे-पीछे होगा। वे हम पर जो भी कर लगाएँगे, हम उन पर भी कर लगाएँगे।”

उन्होंने कहा,“अगर वे हमें अपने बाजार से बाहर रखने के लिए गैर-मौद्रिक टैरिफ लगाते हैं, तो हम भी उन्हें अपने बाजार से बाहर रखने के लिए गैर-मौद्रिक अवरोध लगाएंगे। यह भी बहुत कुछ है। वे हमें उस बाजार में आने की अनुमति भी नहीं देते। हम खरबों-खरबों डॉलर कमाएंगे और ऐसी नौकरियाँ पैदा करेंगे जो हमने पहले कभी नहीं देखी होंगी।”

उन्होंने कहा,“मैंने चीन के साथ ऐसा किया और मैंने दूसरों के साथ भी ऐसा किया। बिडेन प्रशासन इसके बारे में कुछ नहीं कर सका, क्योंकि उसके पास बहुत सारा पैसा था। वे इसके बारे में कुछ नहीं कर सके। पृथ्वी पर लगभग हर देश ने दशकों तक हमें ठगा है, और हम अब ऐसा नहीं होने देंगे।”

गौरतलब है कि ट्रम्प प्रशासन ने मंगलवार को पड़ोसी देशों और कनाडा तथा मैक्सिको पर 25 प्रतिशत टैरिफ शुल्क लगाने की घोषणा की। वहीं, चीनी वस्तुओं पर टैरिफ को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया। इसके लिए फेंटेनाइल उत्पादन में चीन की कथित भूमिका पर कार्रवाई न करने का हवाला दिया गया। भारत का अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष बढ़ रहा है। पिछले एक दशक में, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा और टेक्सटाइल में मजबूत निर्यात के कारण अमेरिका के साथ भारत का माल व्यापार अधिशेष दोगुना होकर 35 अरब डॉलर हो गया है, जो अब पारस्परिक टैरिफ उपायों के प्रति संवेदनशील हो सकता है। अमेरिका से भारत के आयात में पेट्रोलियम कच्चा तेल, मोती, कीमती पत्थर, विद्युत मशीनरी, विमान के पुर्जे और सैन्य उपकरण शामिल हैं। इससे पहले श्री ट्रंप ने धमकी दी थी कि अगर ब्रिक्स देश अमेरिकी डॉलर को कमजोर करते हैं तो वे भारत समेत उन पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगा देंगे। उन्होंने चेतावनी दी है कि ब्रिक्स देशों द्वारा प्रतिद्वंद्वी मुद्रा बनाने का कोई भी प्रयास ऐसे टैरिफ को जन्म देगा।

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