नदी -नालों के पास रहने वाले व्यक्तियों में कैंसर होने का खतरा अधिक – आईसीएमआर
नई दिल्ली, 11 मार्च । भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने 2024 में किए गए एक शोध के आधार पर कहा है कि प्रदूषित नदी-नालों के पास रहने वाले लोगों में कैंसर रोग होने का खतरा बहुत अधिक है। इन क्षेत्रों में किए गए अध्ययन के परिणामों से पता चलता है कि इनके पर्यावरण में शीशा, लोहा और एल्यूमीनियम की मात्रा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमेय सीमा से अधिक थे। मंगलवार को राज्यसभा में राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने एक प्रश्न में लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
प्रतापराव जाधव ने राज्यसभा में बताया कि केंद्र कैंसर देखभाल और उपचार पहुंच में सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस पहल के तहत उन्नत निदान और उपचार सुविधाएं प्रदान करने के लिए 19 राज्य कैंसर संस्थान (एससीआई) और 20 तृतीयक देखभाल कैंसर केंद्र (टीसीसीसी) को मंजूरी दी गई है। उल्लेखनीय है कि हरियाणा के झज्जर में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान और कोलकाता में चित्तरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान का दूसरा परिसर स्थापित किया गया है।
प्रतापराव जाधव ने कहा कि 22 नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों (एम्स) में कैंसर उपचार सुविधाओं को मंजूरी दी गई है, जो व्यापक निदान, चिकित्सा और शल्य चिकित्सा सेवाएं प्रदान करेंगे। सरकार यह सुनिश्चित करती है कि इन अस्पतालों में गरीबों और जरूरतमंदों के लिए उपचार या तो मुफ्त हो या अत्यधिक सब्सिडी वाला हो, जिससे सभी को आवश्यक स्वास्थ्य सेवा सुलभ हो सके।
कैंसर का इलाज आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के तहत भी कवर किया जाता है, जो माध्यमिक और तृतीयक देखभाल के लिए प्रति परिवार सालाना 5 लाख रुपये तक प्रदान करता है। इस योजना से आबादी के निचले 40 प्रतिशत हिस्से के लगभग 55 करोड़ लोगों (12.37 करोड़ परिवार) को लाभ मिलता है।
प्रतापराव जाधव ने कहा कि पीएम-जेएवाई योजना में राष्ट्रीय स्वास्थ्य लाभ पैकेज के भीतर मेडिकल ऑन्कोलॉजी, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी और पैलिएटिव मेडिसिन से संबंधित 500 से अधिक प्रक्रियाओं को शामिल करते हुए 200 से अधिक पैकेज शामिल हैं।
कैंसर के उपचार को और अधिक सहायता प्रदान करने के लिए, प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) की शुरुआत की गई है, जिसके तहत प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र (पीएमबीजेके) के नाम से समर्पित आउटलेट स्थापित किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि 28 फरवरी, 2025 तक, देश भर में कुल 15,057 पीएमबीजेके खोले जा चुके हैं, जो किफायती दामों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध कराते हैं। इस योजना में 2,047 प्रकार की दवाइयां और 300 सर्जिकल उपकरण शामिल हैं, जिनमें 87 उत्पाद विशेष रूप से कैंसर के उपचार के लिए उपलब्ध हैं।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा शुरू की गई पहल का उद्देश्य कैंसर, हृदय रोगों और अन्य स्वास्थ्य स्थितियों के लिए किफायती दवाइयां उपलब्ध कराना है।