मुख्यमंत्री ने सिरमटोली सरना स्थल में की सरहुल पूजा
रांची, 01 अप्रैल । प्रकृति पर्व सरहुल को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन मंगलवार को मुख्य सरना स्थल सिरम टोली पहुंचे। यहां दोनों ने पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ सरहुल की पूजा की। इस दौरान सिरामटोली सरना स्थल पर मौजूद सरना धर्मावलंबियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। सरना धर्मावलंबियों ने समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की की मंच पर उपस्थिति का विरोध जताया। उन्हें स्टेज से हटाने की भी मांग की। इस दौरान लोगों ने हेमंत सोरेन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। सभी महिलाएं सर में पट्टी लगाई हुई थी।
प्रशासनिक अधिकारी मामले को शांत करने की कोशिश में जुटे हैं, लेकिन प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अड़े हैं। सुरक्षा के मद्देनजर मौके पर अतिरिक्त पुलिस बलों की तैनाती की गयी है। पुलिस ने काली पट्टी लगाकर विरोध करने वाले लोगों को हल्का बल प्रयोग कर वहां से हटाया। विरोध करने वालों में कांग्रेस नेता गीता श्री उरांव सहित अन्य शामिल थी।
इस मौके पर कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय भी सिरामटोली सरना स्थल पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि सरहुल को सामाजिक और धार्मिक आस्था के रूप में मनाया जाना चाहिए और इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनने देना चाहिए। सहाय ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और प्रशासन से भी आग्रह किया कि सभी पक्षों की भावनाओं का सम्मान करते हुए समाधान निकाला जाए।
उल्लेखनीय है कि पिछले एक महीने से रांची में बन रहे डोरंडा-सिरमटोली फ्लाईओवर और सरना स्थल विवाद का केंद्र बना हुआ है। कई आदिवासी संगठन सिरमटोली सरनास्थल के मुख्य द्वार के सामने बने फ्लाईओवर के रैंप का विरोध कर रहे हैं।
आदिवासी संगठनों का कहना है कि धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के सरनास्थल के ठीक सामने फ्लाईओवर का रैंप बनाने से सरनास्थल तक जाने का रास्ता काफी संकरा हो जायेगा और इससे सरहुल जुलूस के दौरान निकलने वाले अखाड़ों को परेशानी होगी। राजधानी के विभिन्न इलाकों से लोग पारंपरिक परिधान में नाचते-गाते सिरमटोली सरना स्थल पहुंच रहे हैं। हालांकि सरहुल जुलूस को देखते हुए सरकार ने मुख्य द्वार के सामने बने रैंप को छह मीटर पीछे कर दिया। ऐसी व्यवस्था की गयी है कि अगर बड़ी संख्या में लोग जुलूस की शक्ल में सरना स्थल पहुंचते भी हैं, तो उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं होगी, लेकिन आदिवासी संगठनों का कहना है कि सरना स्थल के सामने बने सभी रैंप को हटाना चाहिए।