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स्वास्थ्य सेवा पर सरकार का व्यय 2014 में 29 प्रतिशत से बढ़कर आज 48 प्रतिशत हो गया : नड्डा

नई दिल्ली, 21 अप्रैल । केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने सोमवार को सिविल सेवा दिवस समारोह के दौरान “आयुष्मान भारत पीएम जन आरोग्य योजना और आयुष्मान आरोग्य मंदिर के माध्यम से स्वस्थ भारत को बढ़ावा देना” शीर्षक से सत्र की अध्यक्षता की। इस मौके पर अपने संबोधन में जेपी नड्डा ने कहा कि देश के हर गरीब व्यक्ति को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना केंद्र सरकार की प्राथमिकता है। आयुष्मान आरोग्य मंदिर और एबी पीएमजेएवाई (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना) एक बहुत ही सुविचारित प्रक्रिया का परिणाम हैं। उन्होंने कहा कि इसको लेकर 2015 में परामर्श शुरू हुआ, 2016 में क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित किए गए । 2016 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति तैयार की गई जो स्वास्थ्य सेवा के सभी पहलुओं को समग्र रूप से कवर करने वाली पहली ऐसी नीति है।

नड्डा ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा पर सरकार का व्यय 2014 में 29 प्रतिशत से बढ़कर आज 48 प्रतिशत हो गया है, जिससे लोगों के जेब से होने वाले खर्च में कमी आई है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान आरोग्य मंदिर में संक्रामक और गैर-संक्रामक रोगों की जांच और वहां प्रदान की जा रही सेवाओं के पैकेज का विस्तार करने से निवारक और प्रोत्साहक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों की बढ़ती चिंता को दूर करने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं को भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानक 2022 और राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों (एनक्यूएएस) के तहत स्व-मूल्यांकन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने समय पर और प्रभावी निर्णय लेने, कार्यक्रम कार्यान्वयन योजनाओं पर काम करने, आशा कार्यकर्ताओं और सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की क्षमता बढ़ाने, डिजिटल स्वास्थ्य हस्तक्षेप के हब-एंड-स्पोक मॉडल को मजबूत और संस्थागत बनाने तथा स्वास्थ्य प्रभावों की निगरानी और आकलन करने के लिए स्वास्थ्य प्रशासकों की क्षमता बढ़ाने पर भी प्रकाश डाला।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कम धन उपलब्ध कराने की कहानी जल्द ही समाप्त हो जाएगी। नड्डा ने युवा अधिकारियों से आग्रह किया कि वे स्वास्थ्य मंत्रालय के कार्यक्रमों से जमीनी स्तर पर प्राप्त फायदों के प्रभाव का सर्वेक्षण करवाएं।

उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में स्वास्थ्य सेवा में जबरदस्त प्रगति हुई है, लेकिन सरकार सभी के लिए सस्ती, सुलभ, समान और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

इस अवसर पर नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी. के. पॉल ने कहा कि स्वास्थ्य के लिए सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) के लक्ष्य को प्राप्त करना है, यह सुनिश्चित करना कि प्रत्येक नागरिक को वित्तीय कठिनाई के बिना गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि आज स्वास्थ्य कवरेज में न केवल उपचारात्मक उपचार शामिल है, बल्कि प्रोत्साहन, निवारक, उपशामक, पुनर्वास भी शामिल है। उन्होंने कहा कि एबी पीएमजेएवाई की बदौलत भारत में अस्पताल में भर्ती होने की दर में वृद्धि हुई है 40 प्रतिशत की कमी आई है और जेब से किया जाने वाला खर्च 2013-14 में 64 प्रतिशत से घटकर 2021-22 में 39.4 प्रतिशत हो गया है।

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