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रांची रिम्स निदेशक को हटाने के झारखंड सरकार के आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

रांची। झारखंड हाईकोर्ट ने रांची स्थित राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) के निदेशक पद से डॉ. राजकुमार को हटाने के झारखंड सरकार के आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।

कोर्ट ने कहा है कि डॉ. राजकुमार को जिस तरह रिम्स निदेशक के पद से हटाया गया है, वह कानूनन गलत है। सरकार इस तरह स्टिगमैटिक (कलंक लगाकर हटाना) आदेश नहीं जारी कर सकती। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और रिम्स शासी परिषद के अध्यक्ष इरफान अंसारी ने 17 अप्रैल को रिम्स के निदेशक पद पर कार्यरत रहे डॉ. राजकुमार को हटाने का आदेश जारी करते हुए उन्हें पदमुक्त कर दिया था।

लिखित आदेश में कहा गया था कि डॉ. राजकुमार ने मंत्री परिषद, रिम्स शासी परिषद और स्वास्थ्य विभाग की ओर से जनहित में दिए आदेशों का पालन नहीं किया। निदेशक के रूप में उनकी सेवा संतोषजनक नहीं पाई गई। रिम्स की नियमावली का हवाला देते हुए आदेश में कहा गया था कि डॉ. राजकुमार को तीन महीने का वेतन और भत्ता देकर तत्काल प्रभाव से पद से हटाया जा रहा है।

स्वास्थ्य मंत्री के हस्ताक्षर से जारी पत्र में बताया गया था कि इस निर्णय को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का अनुमोदन प्राप्त है। डॉ. राजकुमार ने इसके खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर सोमवार को सुनवाई करते हुए जस्टिस दीपक रौशन की बेंच ने सरकार के आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया। कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार एवं अन्य को नोटिस जारी करते हुए शपथ पत्र के जरिए जवाब दाखिल करने को कहा है।

इस मामले की अगली सुनवाई 6 मई को निर्धारित की गई है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि रिम्स निदेशक को हटाने के लिए एक निश्चित प्रक्रिया का अनुपालन किया जाना चाहिए था। किसी का भी पक्ष सुने बगैर कलंक लगाकर उसे हटाया नहीं जा सकता। राज्य सरकार ने 31 जनवरी 2024 को डॉ. राजकुमार को रिम्स निदेशक के पद पर नियुक्त किया था। इससे पहले वे लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में न्यूरोलॉजी विभाग में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत थे।

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