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महाराष्ट्र एटीएस ने 13 साल से भूमिगत नक्सली को गिरफ्तार किया

मुंबई। महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) की टीम ने रायगढ़ जिले से पुणे के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। वह नक्सली गतिविधि से जुड़े एक मामले में 13 साल से अधिक समय से भूमिगत था। गिरफ्तार नक्सली की पहचान प्रशांत जलिंदर कांबले (44) के रूप में की गई है। पुणे की बंडगार्डेन पुलिस स्टेशन की टीम इस मामले की गहन छानबीन कर रही है।

एटीएस सूत्रों ने बताया कि प्रशांत जलिंदर कांबले तकनीकी जानकार है। उसे इस वजह से उसे ‘लैपटॉप’ के नाम से भी जाना जाता है। कांबले एक दशक पहले एक नक्सली मामले में वांछित आरोपित था। उसे कोर्ट ने फरार घोषित किया था। एटीस टीम को रविवार को कांबले के रायगढ़ जिले के खोपोली इलाके में छुपे होने की जानकारी मिली। एटीएस की टीम ने दबिश देकर कांबले को खोपोली से गिरफ्तार किया । वह खोपोली में छह-सात साल से रह रहा था।

इस अवधि के दौरान उसने इलाके में आदिवासी बच्चों को पढ़ाने का काम किया। एटीएस के अनुसार मूल रूप से पुणे के ताड़ीवाला रोड इलाके के रहने वाले कांबले ने कंप्यूटर और लैपटॉप की मरम्मत का प्रशिक्षण लिया था। वह कथित तौर पर पुणे स्थित सांस्कृतिक समूह कबीर कला मंच के संपर्क में आया था, जो पहले नक्सल विचारधारा से जुड़े होने के संदेह में जांच के दायरे में रहा है। 2010 में मुंबई में काम के लिए घर से निकलने के बाद, कांबले कथित तौर पर कभी वापस नहीं लौटा और बाद में पूरी तरह से गायब हो गया और नक्सली गतिविधियों में शामिल हो गया।

कांबले का नाम 2011 में प्रमुख माओवादी नेताओं मिलिंद तेलतुम्बडे और एंजेला सोनटक्के के साथ एक प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में दर्ज किया गया था। 2011 में मामला दर्ज होने के बाद कांबले को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया। उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया , साथ ही लुक आउट नोटिस भी जारी किया गया।

विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर एटीएस की पुणे इकाई ने उसे खोपोली में ट्रैक किया और सत्यापन के लिए हिरासत में लिया। उसकी पहचान की पुष्टि होने पर उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद कांबले को मुंबई की एक अदालत में पेश किया गया, जिसने उसे 13 मई तक एटीएस की हिरासत में भेज दिया।

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