ईडी की जांच में जमीन पर दावे से संबंधित दस्तावेज फर्जी निकला
रांची, 11 मई । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में बोकारो की 133.64 एकड़ जमीन पर दावेदारी से संबंधित दस्तावेज फर्जी पायी गयी है।
ईडी के अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सर्वे के दौरान जब्त किये गये दस्तावेज और अधिकारियों से हुई पूछताछ के दौरान पुरुलिया रजिस्ट्री कार्यालय से वर्ष 1933 में जारी डीड संख्या 191 को फर्जी पाया गया।
इजहार हुसैन और अख्तर हुसैन ने इस जमीन पर अपने पूर्वजों द्वारा ब्रिटिश राज के दौरान नीलामी में खरीदे जाने का दावा किया गया था। इसमें से अब तक 74 एकड़ से अधिक जमीन बिक चुकी है। जिला प्रशासन की ओर से जारी जांच के दौरान भी पुरूलिया स्थित रजिस्ट्री कार्यालय में नीलामी से जुड़े दस्तावेज के नहीं होने की लिखित सूचना दी थी।
इजहार हुसैन ने बोकारो जिले के चास अंचल की जमीन पर अपना दावा पेश करने के लिए दो दस्तावेज का सहारा लिया था। इसमें पहला दस्तावेज पुरुलिया स्थित रजिस्ट्री कार्यालय से जारी डीड संख्या 191 और दूसरा दस्तावेज समीर महतो का वसीयतनामा था।
पुरुलिया रजिस्ट्री कार्यालय से जारी सेल डीड संख्या 191 में इस बात का उल्लेख किया गया है कि समीर महतो ने यह तेतुलिया की 133.64 एकड़ जमीन वर्ष 1933 में नीलामी में खरीदी। वर्ष 2010 में समीर महतो के वसीयतनामा में इस बात का उल्लेख किया गया है कि समीर महतो ने अपने बेरोजगार पोता इजहार हुसैन और अख्तर हुसैन को नीलामी में खरीदी गयी 133.64 एकड़ जमीन देने का फैसला किया।
इजहार हुसैन ने इस दस्तावेज के सहारे जमीन पर अपना दावा पेश किया। चास के तत्कालीन अंचल अधिकारी निर्मल टोप्पो ने इसे स्वीकार करते हुए इजहार और अख्तर हुसैन के नाम पर म्यूटेशन कर दिया। इस गड़बड़ी के आरोप में निर्मल टोप्पो बर्खास्त हो चुके हैं।
ईडी ने बोकारो जिले में हुई इस जमीन घोटाले की जांच के दौरान जमीन की खरीद बिक्री करने वालों के अलावा जमीन खरीदने के लिए फंडिंग करने वालों के ठिकानों पर छापा मारा। छापेमारी के दौरान बांका के बीर अग्रवाल के ठिकाने से 1.30 करोड़ रुपये जब्त किये गये।
राजबीर कंस्ट्रक्शन के निदेशक को जमीन खरीदने के लिए फंड उपलब्ध कराने की पुष्टि हुई। ईडी ने छापेमारी के अलावा इजहार हुसैन के दावे से जुड़े दस्तावेज की जांच के लिए कोलकाता स्थित रजिस्ट्री कार्यालय मे पीएमएलए की धारा 16 के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए सर्वे किया।