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कार्तिक महाराज के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचे सब्यसाची दत्त

कोलकाता । तृणमूल कांग्रेस नेता और राजारहाट-न्यू टाउन के पूर्व विधायक सब्यसाची दत्त एक बार फिर चर्चा में हैं। भारत सेवाश्रम संघ के मुर्शिदाबाद स्थित बेलडांगा शाखा के प्रमुख कार्तिक महाराज के खिलाफ उन्होंने कलकत्ता हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। आरोप है कि दीघा में जगन्नाथ मंदिर के उद्घाटन को लेकर महाराज ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर अपमानजनक टिप्पणी की थी। इस सप्ताह मामले की सुनवाई हो सकती है।

पिछले कुछ महीनों से सब्यसाची दत्त अत्यधिक सक्रिय रहे हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ सुत्ति में हिंसा पीड़ितों को मुआवज़ा देने के दौरान वे मंच पर मौजूद थे। इसके अलावा सॉल्टलेक के विकास भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे बर्खास्त शिक्षकों को धमकाने का वीडियो भी सामने आया, जिसमें वे कहते हैं, “यह मेरा वार्ड है, खाली कराने में 30 सेकेंड नहीं लगेंगे!”

स्थानीय सूत्रों का मानना है कि सब्यसाची 2026 के विधानसभा चुनाव में अपने पुराने क्षेत्र राजारहाट-न्यू टाउन से दोबारा विधायक बनने की तैयारी में हैं। उनकी इस सक्रियता को टिकट पाने की रणनीति से जोड़कर भी देखा जा रहा है। तृणमूल में उनकी वापसी ममता बनर्जी की पहल पर हुई थी।

उन्होंने हाल ही में निवास भी बदल लिया है—बिधाननगर से न्यू टाउन के रायगाछी में शिफ्ट हो गए हैं। इससे क्षेत्र के साथ नज़दीकी बनाने का उनका प्रयास साफ़ झलकता है।

हालांकि खुद सब्यसाची ने सीधे तौर पर चुनावी मंशा को स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा, “प्रत्याशी बनना या न बनना पार्टी और नेतृत्त्व का निर्णय होता है, मैं इस पर कुछ नहीं कहूंगा।”

2019 में सब्यसाची ने भाजपा का दामन थामा था और बिधाननगर सीट से प्रत्याशी बने, लेकिन तृणमूल के सुजीत बोस से आठ हजार वोटों से हार गए। उसी साल वे फिर तृणमूल में लौट आए और नगरपालिका चुनाव में पार्टी उम्मीदवार बनकर जीत भी दर्ज की। हालांकि उन्हें मेयर पद नहीं मिला, केवल चेयरमैन बनाए गए।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सब्यसाची अब मेयर या विधायक जैसे किसी सशक्त पद की ओर देख रहे हैं। लेकिन राजारहाट-न्यू टाउन की वर्तमान स्थिति उनके लिए चुनौतीपूर्ण है। यहां से वर्तमान विधायक तापस चट्टोपाध्याय माकपा छोड़कर तृणमूल में आए थे और 2021 में भाजपा उम्मीदवार को 56 हजार वोटों से हराकर पहली बार विधानसभा पहुंचे। कहा जाता है कि उन्हें तृणमूल में शामिल कराने में अभिषेक बनर्जी की भूमिका अहम रही थी।

तृणमूल के भीतर अब इस क्षेत्र में सब्यसाची और तापस समर्थकों के बीच संघर्ष भी बढ़ रहा है। कुछ जगहों पर तो गोलियां चलने की भी खबरें आई हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने माना कि तापस की भूमिका से शीर्ष नेतृत्व संतुष्ट है, और उनके बड़े अंतर से मिली जीत पर भी पार्टी नेतृत्व की नज़र है।

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