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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने राज्यपाल को लिखा पत्र, हेमंत सरकार को उत्पाद नीति पर सलाह देने का किया आग्रह

रांची, 26 मई । भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार को पत्र लिखकर हेमंत सरकार को उत्पाद नीति पर सलाह देने का आग्रह किया है। पत्र में कहा गया है कि इसके पूर्व में भी वर्तमान मुख्यमंत्री के नेतृत्व में दो बार उत्पाद नीति लागू की जा चुकी है। लेकिन दुर्भाग्यवश उन नीतियों का लाभ न तो राजस्व हित में रहा और न ही राज्य के छोटे-छोटे व्यवसायियों और बेरोजगार युवकों के पक्ष में रहा। इसके विपरित वो नीतियां शोषण एवं राजस्व के क्षति का कारण बनी। दुकानों में निर्धारित मूल्य से अधिक दाम पर शराब बेची गई और आम जनता से अवैध वसूली की गई। इसके परिणामस्वरूप प्राप्त होने वाला राजस्व शराब माफियाओं और दलालों के जेब में चला गया।

नेता प्रतिपक्ष के पत्र में यह भी कहा गया है कि सरकार अभी जो नई उत्पाद नीति लागू करने जा रही है, उससे भी राज्य के राजस्व में वृद्धि एवं छोटे-छोटे व्यवसायियों को समानुपातिक अवसर मिलेगा, इसकी उम्मीद कम है। नई उत्पाद नीति में एक व्यक्ति और प्रतिष्ठान को जिला स्तर पर तीन यूनिट, नौ दुकानें एवं पूरे राज्य में अधिकतम 36 दुकानें मिलने का प्रावधान रखा गया है। ऐसे में शराब के बड़े-बड़े कारोबारी पूरे राज्य में दुकानों के आवंटन में अपनी भागीदारी करेंगे। इससे ज्यादा शराब दुकानों के उन्हीं के हाथों में चले जाने की संभावना है। बाद में वे लोग मनमानी तरीके से शराब का कारोबार करेंगे।

राज्यपाल से की मांग

-जिस प्रकार केन्द्र सरकार पेट्रोल पंप और गैस एजेंसी के लाइसेंस निर्गत करने में दलितों, आदिवासियों, महिलाओं, दिव्यांगों और सेना से सेवानिवृत जवानों को प्राथमिकता देती है, उसी प्रकार राज्य सरकार भी गरीब आदिवासी महिलाओं को जनसंख्या के आधार पर एवं सेना से सेवानिवृत जवानों के लिए देशी एवं विदेशी शराब दुकानों की बंदोबस्ती में आरक्षण दे।

-नई उत्पाद नीति में एक व्यक्ति-एक दुकान को मानक मानकर एक व्यक्ति या प्रतिष्ठान को पूरे राज्य में एक ही शराब दुकान आबंटित करने का प्रावधान हो, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को व्यवसाय करने का अवसर मिले और भ्रष्टाचार नहीं हो।

-जिस प्रकार राज्य सरकार ने निजी क्षेत्रों में राज्य के लोगों केलिए 75 प्रतिशत आरक्षण का निर्णय कैबिनेट में लिया है, उसे शराब दुकानों के आवंटन में भी लागू किया जाए।

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