उमेशपाल अपहरण कांड का बड़ा फैसला : माफिया से नेता बने अतीक अहमद दोषी करार
Insight Online News
प्रयागराज। प्रयागराज की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने उमेश पाल अपहरण केस में अपना फैसला सुना दिया है। 17 साल पुराने अपहरण के इस मामले में कोर्ट ने माफिया अतीक अहमद समेत तीन आरोपियों को दोषी करार दिया गया है, जबकि सात आरोपियों को निर्दोष करार दिया है। कोर्ट ने मंगलवार की दोपहर में अपना फैसला सुनाया है।
कोर्ट द्वारा अतीक अहमद, सौलत हनीफ और दिनेश पासी को दोषी करार दिया गया है. जबकि अशरफ समेत सात आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया है। हालांकि इससे पहले उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं अदालत नहीं जा रही हूं। मैं अपने घर में रहूंगी और अहमद के लिए मृत्युदंड की प्रार्थना करूंगी।’’ अहमद और अशरफ पर 2005 में राजू पाल की हत्या के प्रमुख गवाह उमेश पाल की पिछले महीने हुई हत्या के मामले में साजिश में शामिल होने का भी आरोप है।
क्या है मामला?
बीएसपी विधायक राजू पाल मर्डर केस में मुख्य गवाह उमेश पाल से जुड़े हुए मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है. इस केस में आरोप था कि 28 फरवरी 2006 को अतीक अहमद और अशरफ ने उमेश पाल का अपहरण कराया था। उमेश पाल को मारपीट करने के बाद परिवार समेत जान से मारने की धमकी देते हुए कोर्ट में जबरन हलफनामा दाखिल कराया गया. 2007 में मायावती की सरकार बनने के बाद उमेश पाल ने पांच जुलाई 2007 को अतीक और अशरफ समेत 5 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
पुलिस की जांच में छह अन्य लोगों के नाम सामने आए. कोर्ट में अतीक और अशरफ समेत 11 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई. 2009 से मुकदमे का ट्रायल शुरू हुआ। अभियोजन यानी सरकारी पक्ष से कुल 8 गवाह पेश किए गए। इस केस के 11 आरोपियों में से अंसार बाबा नाम के आरोपी की मौत हो चुकी है। अतीक और अशरफ समेत कुल 10 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट ने मंगलवार को अपना फैसला सुना दिया है।