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समृद्ध लोकतंत्र के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष प्रेस आवश्यक है : राष्ट्रपति

नई दिल्ली, 19 मार्च । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बुधवार को नैतिक पत्रकारिता का आह्वान करते हुए कहा कि एक समृद्ध लोकतंत्र के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष प्रेस आवश्यक है। राष्ट्रपति यहां आयोजित एक समारोह में 19वें रामनाथ गोयनका उत्कृष्ट पत्रकारिता पुरस्कार प्रदान करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि लोकतंत्र के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता। यदि नागरिकों को पूरी जानकारी नहीं होगी तो लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं अपना अर्थ खो देंगी। उन्होंने कहा कि मीडिया चौथा स्तंभ है और नागरिकों को अच्छी तरह से सूचित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

राष्ट्रपति ने समाचार संगठनों से तथ्य-आधारित रिपोर्टिंग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करने और शोध-समर्थित पत्रकारिता में निवेश करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि समाचार के लिए विचारों से भरा एक संपन्न न्यूज़रूम आवश्यक है। उन्होंने समाचार की गुणवत्ता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए एक शोध विंग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने समाचार एकत्रीकरण को पत्रकारिता की आत्मा बताते हुए इसे मजबूत करने पर बल दिया। उन्होंने मीडिया संगठनों से ज़मीन से रिपोर्टिंग की संस्कृति को प्रोत्साहित करने में अधिक संसाधन लगाने का आग्रह किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि पहले समाचार पत्र और पत्रिकाएं गुणवत्तापूर्ण रिपोर्टिंग और विश्लेषण प्रस्तुत करना चाहते थे और पाठक उनकी प्रतियां खरीदते थे। पर्याप्त संख्या में पाठकों का मतलब विज्ञापनदाताओं के लिए एक अच्छा मंच था, जो लागतों में सब्सिडी देते थे। उन्होंने बताया कि हाल के दशकों में हालांकि, इस मॉडल को कई हाइब्रिड मॉडलों ने बदल दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी सफलता को पत्रकारिता की गुणवत्ता पर उनके प्रभाव से मापा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वित्तपोषण के स्रोत सीमित संख्या में हैं, जो राज्य या कॉर्पोरेट संस्थाएं या पाठक हो सकते हैं। जबकि पहले दो के अपने फायदे और सीमाएं हैं, पाठक को केंद्र में रखने का तीसरा विकल्प सबसे बेहतर विकल्प है।

कंटेंट क्रिएशन के मुद्दे पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने भरोसा जताया कि हम जल्द ही उस स्थिति में पहुंच जाएंगे जब दुर्भावनापूर्ण कंटेंट को हटा दिया जाएगा और तथाकथित पोस्ट-ट्रुथ का चलन खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस दिशा में तकनीकी उपकरणों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने नागरिकों को इन नुकसानों के बारे में शिक्षित करने के लिए सक्रिय अभियानों के साथ इस प्रक्रिया को तेज करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि डीप फेक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अन्य दुरुपयोग के खतरे हमें सभी नागरिकों को समाचार के इस महत्वपूर्ण पहलू के बारे में संवेदनशील बनाने के लिए मजबूर करते हैं। विशेष रूप से युवा पीढ़ी को समाचार रिपोर्ट या विश्लेषण के किसी भी रूप में पूर्वाग्रह और एजेंडा को पहचानने के लिए शिक्षित किया जाना चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) दुनिया में उथल-पुथल मचा रहा है, पत्रकारिता समेत कई क्षेत्रों में नए अवसर और नई चुनौतियां पैदा कर रहा है। मशीनों ने रिपोर्ट संकलित करना और संपादित करना शुरू कर दिया है। हालांकि, उनमें जो कमी है वह है सहानुभूति, जो पत्रकारों को एआई को मात देने में मदद करने वाला एक तत्व होगा। मानवीय मूल्यों पर आधारित पत्रकारिता कभी विलुप्त नहीं होने वाली है।

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