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दिल्ली में एक नए वायसराय आ गए हैं, चुनी हुई सरकार का हक छीना जा रहा है : आतिशी

नई दिल्ली। दिल्ली में झंडा फहराने के विवाद पर केजरीवाल सरकार की मंत्री आतिशी का कहना है कि ऐसा लग रहा है कि नए वायसराय आ गए हैं। लेकिन, हमें यूनियन जैक का झंडा नहीं फहराना है, हमें भारत का झंडा फहराना है। 15 अगस्त को हमें स्वतंत्र भारत का तिरंगा फहराना है।

आतिशी ने कहा कि हम स्वतंत्रता दिवस के दिन तिरंगा झंडा क्यों फहराते हैं? इसके पीछे की वजह है कि उस दिन सभी भारतीय खुद को आजाद समझते हैं। 15 अगस्त 1947 से पहले भारत में अंग्रेजों का राज होता था। अंग्रेज उस समय एक वायसराय भेजते थे, जो अपनी मनमर्जी से सरकार चलाता था। भारत के लोगों का उस सरकार में कोई अधिकार नहीं होता था। इसलिए, हम 15 अगस्त को झंडा आजादी के लिए फहराते हैं।

उन्होंने कहा कि आज एक चुनी हुई सरकार के झंडा फहराने के अधिकार को छीना जा रहा है। आज दिल्ली में एक नए वायसराय आ गए हैं और वह कह रहे हैं कि झंडा वह फहराएंगे। दिल्ली में झंडा फहराने का हक यहां के रहने वालों का है। यहां के रहने वालों की चुनी सरकार का है। अगर ऐसा नहीं होता तो इससे बड़ी तानाशाही कोई और नहीं हो सकती है। हम देखेंगे कि भाजपा लोकतंत्र के साथ खड़ी है या तानाशाही के साथ।

आतिशी ने आरोप लगाया है कि जिस तिहाड़ जेल से सुकेश चंद्रशेखर जैसे महाठग का हर लेटर एलजी तक पहुंचता है और उस पर सीबीआई जांच तक हो जाती है। वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री का पत्र नहीं पहुंचता है और कहा जाता है कि केवल पर्सनल लेटर लिखने की परमिशन है।

इसके पहले आम आदमी पार्टी ने ‘सत्यमेव जयते’ का एक डीपी कैंपेन शुरू किया। इसे आम आदमी पार्टी का हर नेता, हर कार्यकर्ता और आम आदमी पार्टी से जुड़ा हर व्यक्ति अपने स्टेटस पर, अपने फेसबुक पर, अपने व्हाट्सएप पर लगाएगा। इस डीपी में एक तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दूसरी तरफ पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की फोटो लगी हुई है और ‘सत्यमेव जयते’ लिखा है।

आतिशी ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने आम आदमी पार्टी (आप) और दिल्ली सरकार को परेशान करने की कोई कसर नहीं छोड़ी है। आम आदमी पार्टी के नेताओं पर झूठे केस लगाए गए। रेड पर रेड की गई, लेकिन, एक रुपए का भ्रष्टाचार नहीं मिला। फिर भी आम आदमी पार्टी के सभी सीनियर नेताओं को जेल में डाल दिया गया।

उन्होंने कहा है कि मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, संजय सिंह और दिल्ली के मुख्यमंत्री तक को गिरफ्तार कर लिया गया। ऐसी गिरफ्तारियां हमें स्वतंत्रता संग्राम की याद दिलाती है। उस समय भी जो अंग्रेजों के खिलाफ लड़ते थे। उनके ऊपर झूठे मुकदमे लगाकर उन्हें जेल में डाल दिया जाता था। जवाहरलाल नेहरू, लाला लाजपत राय, महात्मा गांधी सभी जेल में रहे हैं। भाजपा ने सोचा था कि अपनी तानाशाही के चलते हम इन्हें तोड़ देंगे और दबा देंगे। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ, पार्टी न टूटी, न दबी।

–आईएएनएस

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