डीके शिवकुमार के संविधान संबंधी बयान पर झारखंड में पक्ष-विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप
रांची। कर्नाटक के डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार के ‘संविधान में बदलाव’ से संबंधित बयान पर झारखंड में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की प्रतिक्रियाएं आई हैं। भाजपा ने कहा है कि इस प्रकरण में कांग्रेस की गलत मानसिकता साफ तौर पर उजागर हो गई है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस और झामुमो ने भाजपा पर मामले को तोड़-मरोड़कर पेश करने और हिंदू-मुसलमान के नाम पर विभेदकारी राजनीति करने का आरोप लगाया है।
झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी शुरू से संविधान के साथ छेड़छाड़ करती रही है। संविधान में कहीं प्रावधान नहीं है कि धर्म के आधार पर आरक्षण दिया जाए। इसके बावजूद कर्नाटक की कांग्रेस सरकार तुष्टिकरण की राजनीति में इस कदर अंधी हो गई है कि उसने ओबीसी समुदाय के आरक्षण में सेंध लगाकर सरकारी ठेकों में मुस्लिम समुदाय को 4 प्रतिशत आरक्षण प्रदान कर दिया है।
झारखंड की ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री दीपिका पांडेय ने कहा कि इस मामले को भारतीय जनता पार्टी गलत तरीके से पेश कर रही है। धर्म के आधार पर आरक्षण की बात जब संविधान में ही नहीं है, तो इस तरह की बात करने का कोई मतलब नहीं है। आरक्षण सामाजिक-आर्थिक स्थिति के आधार पर तय होता है। क्या मुसलमानों में ओबीसी नहीं होते?
कर्नाटक के मामले में हम लोग लिखित तौर पर तथ्यों को पेश करने को तैयार हैं, लेकिन भाजपा ने इसे मैनिपुलेट करने की कोशिश की है। ये लोग देश में कन्याकुमारी से कश्मीर तक भ्रम फैलाने में माहिर हैं। कल किरेन रिजिजू ने इस पर गुमराह करने वाला बयान दिया है, इसलिए कांग्रेस उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लेकर आई है।
झामुमो नेता और झारखंड के नगर विकास, उच्च शिक्षा एवं पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आज मीडिया में अनावश्यक बातों को लेकर ज्यादा हल्ला होता है। इस मामले में भी ऐसा ही हो रहा है। कर्नाटक में कांग्रेस के पहले भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी। मैं उनसे पूछता हूं कि आरक्षण की जो व्यवस्था वहां लागू है, क्या वह भारतीय जनता पार्टी की सरकार के कार्यकाल में नहीं थी? यदि उस समय आरक्षण की व्यवस्था लागू थी, तो इसका मतलब यह है कि वह इससे सहमत थी।
सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि आज राजनीतिक लाभ के लिए हिंदू-मुसलमान के एजेंडे को आगे बढ़ाने में इस तरह की बहस में पूरे देश का ध्यान आकृष्ट किया जा रहा है, जो निश्चित रूप से निंदनीय है। इस देश को प्रगति और शांति चाहिए। इस देश के हर नागरिक के मन में इस तरह का अहसास चाहिए कि उसके अधिकारों की सुरक्षा होगी। फालतू की बहस को देश की जरूरत नहीं है।