अमेरिका 2026 में डब्ल्यूएचओ से बाहर हो जाएगा-संरा
वाशिंगटन 24 जनवरी : संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि अमेरिका 2026 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से बाहर हो जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र ने इस सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से इस बारे में औपचारिक पत्र प्राप्त होने के बाद यह जानकारी दी।
अल जजीरा ने संयुक्त राष्ट्र के उप प्रवक्ता फरहान हक के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया कि श्री ट्रम्प द्वारा सोमवार को अपने पहले दिन डब्ल्यूएचओ से अमेरिका को बाहर करने और संगठन के भविष्य के वित्तपोषण को समाप्त करने के संकल्प के बाद अब वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
श्री हक ने कहा, ‘मैं पुष्टि कर सकता हूं कि हमें अब डब्ल्यूएचओ से बाहर होने के बारे में अमेरिकी पत्र प्राप्त हुआ
है। यह 22 जनवरी 2025 की तारीख का है। यह कल से एक साल बाद 22 जनवरी 2026 को प्रभावी होगा।’
श्री ट्रम्प ने विदेश मंत्री मार्को रुबियो और अमेरिकी सरकार के प्रबंधन एवं बजट कार्यालय के निदेशक को ‘भविष्य में डब्ल्यूएचओ को किसी भी अमेरिकी सरकार के फंड, सहायता या संसाधनों के हस्तांतरण को रोकने’ का आदेश दिया।
रिपोर्ट के अनुसार वाशिंगटन ने डब्ल्यूएचओ के साथ काम करने वाले सभी अमेरिकी सरकारी कर्मियों को वापस बुला लिया है और उन्हें महामारी से निपटने के लिए डब्ल्यूएचओ के नेतृत्व वाली वैश्विक संधि पर बातचीत में भाग लेना बंद करने का आदेश दिया है।
अमेरिका संगठन के वित्तपोषण में लगभग 18 प्रतिशत का योगदान देता है। 2024 और 2025 के बीच यह लगभग 261 मिलियन डॉलर था। इसके बाद चीन 181 मिलियन डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर है।
विशेषज्ञों के अनुसार डब्ल्यूएचओ के अपने शीर्ष दाता को खोने से वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी की टीबी से लेकर एचआईवी/एड्स और वैश्विक महामारी जैसे बड़े संकटों से निपटने की क्षमता प्रभावित होगी।
श्री ट्रम्प ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान डब्ल्यूएचओ पर कोविड-19 महामारी को ठीक से न संभालने का आरोप लगाया था और जुलाई 2020 में संगठन से हटने का अनुरोध भेजा था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने श्री ट्रम्प और उनके प्रशासन पर कोविड-19 महामारी के प्रति अमेरिका की प्रतिक्रिया को विफल करने का आरोप लगाया है जिसने सैकड़ों हज़ारों अमेरिकियों की जान ले ली।
डब्ल्यूएचओ ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि अमेरिका पुनर्विचार करेगा और हम दुनिया भर के लाखों लोगों के स्वास्थ्य और भलाई के लाभ के लिए अमेरिका और डब्ल्यूएचओ के बीच साझेदारी को बनाए रखने के लिए रचनात्मक बातचीत में शामिल होने के लिए तत्पर हैं।’
पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के लॉ स्कूल के प्रोफेसर जीन गैलब्रेथ के अनुसार अमेरिका 1948 में दोनों कांग्रेस सदनों के संयुक्त प्रस्तावों के माध्यम से डब्ल्यूएचओ में शामिल हुआ था, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या ट्रम्प कांग्रेस की मंजूरी के बिना एकतरफा रूप से अमेरिकी सदस्यता वापस ले सकते हैं।
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि श्री ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी अमेरिकी सीनेट और प्रतिनिधि सभा दोनों को नियंत्रित करती है, लेकिन वापसी को अभी भी अदालत में चुनौती दी जा सकती है।
जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में ओ’नील इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल एंड ग्लोबल हेल्थ लॉ के निदेशक लॉरेंस गोस्टिन ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘ट्रम्प ने डब्ल्यूएचओ से बाहर निकलने का एकतरफा फैसला किया। लेकिन हम 1948 में कांग्रेस के एक अधिनियम द्वारा डब्ल्यूएचओ में शामिल हुए थे। ट्रम्प को वापस लेने के लिए कांग्रेस की मंजूरी की आवश्यकता है।’
गोस्टिन ने कहा, ‘उनका निर्णय कांग्रेस और अदालतों के बिना लिया जाना बहुत विनाशकारी है। डब्लयूएचओ केंद्र के निदेशक के रूप में मैं मुकदमा करने पर विचार कर रहा हूँ।’