ब्रिटिश सॉवरेन परेड की समीक्षा करेंगे सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे
- जनरल पांडे परेड में सॉवरेन प्रतिनिधि बनने वाले भारत के पहले सेनाध्यक्ष
- रॉयल मिलिट्री अकादमी में भारतीय सेना स्मारक कक्ष का भी दौरा करेंगे
नई दिल्ली। सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे आज (बुधवार) ब्रिटेन की यात्रा पर रवाना हो गए। वह सॉवरेन प्रतिनिधि के रूप में प्रतिष्ठित रॉयल मिलिट्री अकादमी, सैंडहर्स्ट में कमीशनिंग कोर्स 223 की 201वीं सॉवरेन परेड की समीक्षा करेंगे। जनरल पांडे परेड में सॉवरेन प्रतिनिधि बनने वाले भारत के पहले सेनाध्यक्ष हैं।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक रॉयल मिलिट्री अकादमी सैंडहर्स्ट में सॉवरेन परेड एक प्रतिष्ठित कार्यक्रम है। यह अपने शानदार इतिहास और दुनिया भर के अधिकारी कैडेटों के पासिंग आउट के लिए जाना जाता है। जनरल मनोज पांडे परेड में सॉवरेन प्रतिनिधि बनने वाले भारत के पहले सेनाध्यक्ष हैं। अपनी यात्रा के दौरान जनरल मनोज पांडे रॉयल मिलिट्री अकादमी में गौरवपूर्ण स्थान रखने वाले भारतीय सेना स्मारक कक्ष का भी दौरा करेंगे।
ब्रिटेन यात्रा के दौरान जनरल पांडे ब्रिटिश सेना के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ जनरल सर पैट्रिक सैंडर्स और ब्रिटेन सशस्त्र बल के वाइस चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल ग्विन जेनकिंस से वार्ता करेंगे। वह ब्रिटेन की रणनीतिक कमान के कमांडर जनरल सर जेम्स होकेनहुल, फील्ड आर्मी के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राल्फ वुडडिस और रॉयल मिलिट्री अकादमी सैंडहर्स्ट के कमांडेंट मेजर जनरल ज़ाचरी रेमंड स्टेनिंग के साथ उच्च स्तरीय चर्चा में शामिल भी होंगे। इस चर्चा में समान हितों के विभिन्न मामलों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसमें रक्षा सहयोग, आतंकवाद विरोधी प्रयास और रणनीतिक योजना शामिल है।
जनरल मनोज पांडे की यह यात्रा दोनों देशों के बीच राजनयिक, सैन्य और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह यात्रा दोनों देशों के बीच स्थापित स्थायी सौहार्द का प्रमाण है, जिसे वर्षों के दौरान विकसित किया गया है। यह यात्रा रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में आपसी सहयोग और सूझबूझ को बढ़ावा देगी।
जनरल मनोज पांडे को ब्रिटेन का यह विशेष निमंत्रण भारत और ब्रिटेन के बीच दीर्घकालिक सहयोग और मित्रता का साक्षी है। सॉवरेन परेड में जनरल मनोज पांडे की भागीदारी सैन्य संबंधों को बढ़ाने और वैश्विक मंच पर शांति एवं सुरक्षा में वृद्धि करने की निरंतर प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह आपसी सम्मान और प्रशंसा का एक उपयुक्त उदाहरण है, जो भारत-ब्रिटेन के बीच के संबंधों की मजबूत नींव को और सुदृढ़ बनाता है।