झारखंड के 82 हजार से अधिक युवाओं का एबीवीपी से जुड़ाव ऊर्जा और समर्पण का प्रतीक: राज्यपाल
धनबाद, 03 जनवरी । राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा है कि झारखंड के 82 हजार से अधिक युवाओं का एबीवीपी से जुड़ाव, यह संख्या मात्र आंकड़ा नहीं, बल्कि राज्य के युवाओं की ऊर्जा और समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन और झारखंड को शिक्षा, रोजगार, खेल, नवाचार तथा सांस्कृतिक विकास के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए योगदान दें।
राज्यपाल शुक्रवार को धनबाद के केके पॉलिटेक्निक कॉलेज में आयोजित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) झारखंड के तीन दिवसीय रजत जयंती प्रदेश अधिवेशन में बोल रहे थे। उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा की सराहना करते हुए कहा कि यह संगठन न केवल राष्ट्रभक्ति का संदेश देता है, बल्कि युवाओं को उनकी सकारात्मक ऊर्जा के लिए एक दिशा प्रदान करता है।
राज्यपाल ने कहा कि अधिवेशन का यह आयोजन कई ऐतिहासिक संदर्भों से प्रेरणादायी है। भगवान धरती आबा बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती, लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती तथा एबीवीपी के शिल्पकार प्राध्यापक यशवंत राव केलकर के शताब्दी वर्ष के दौरान यह अधिवेशन झारखंड के युवाओं को नई ऊर्जा और संकल्प का संदेश देता है।
राज्यपाल ने झारखंड की स्थापना के रजत वर्ष का उल्लेख करते हुए भारत रत्न एवं भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के झारखंड राज्य निर्माण में योगदान को स्मरण किया। उन्होंने कहा कि राज्य गठन संबंधी विधेयक संसद में लाया गया था तो वे अटल की सरकार में मंत्रिपरिषद के सदस्य थे और लोकसभा सदस्य के रूप में उन्होंने राज्य के गठन के पक्ष में मत दिया था।
राज्यपाल ने स्वामी विवेकानंद के विचार उठो, जागो और तब तक न रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाये का उल्लेख करते हुए युवाओं को निरंतर प्रयास और समर्पण का महत्व समझाया। साथ ही सभी युवाओं से आह्वान किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत 2047 के विजन को साकार करने में अपनी भूमिका निभायें।
अधिवेशन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय मंत्री क्षमा शर्मा ने कहा कि देश में कहीं भी जब छात्र हित का हनन होता है तो छात्र समुदाय उम्मीद भरी नजरों से विद्यार्थी परिषद की ओर देखता है। उन्होंने कहा कि आज के वर्तमान दौर में छात्राओं को सशक्त करने के लिए और बंगाल में जिस प्रकार की असामाजिक घटनाएं लगातार बढ़ रही है उसको देखते हुए छात्राओं को मिशन साहसी के माध्यम से आत्मरक्षा के शिक्षा दी जा रही है ताकि सरकार की नाकामी होने पर राज्य की छात्राएं स्वयं अपनी सुरक्षा कर सकें।
स्वागत समिति के अध्यक्ष रवि चौधरी ने कहा कि झारखंड का यह रजत जयंती अधिवेशन यहां के छात्र युवाओं को अपने हक और झारखंड के अस्मिता संस्कृति को बचाने के लिए जागृत करने वाला अधिवेशन है। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का एक-एक कार्यकर्ता अपने सभ्यता अपनी संस्कृति को आत्मसात कर राष्ट्र पुनर्निर्माण के उद्देश्य के लिए एक-एक परिसर में पूरी तन्मयता के साथ लगा रहता है।
आईएसएम धनबाद के निदेशक प्रोफेसर सुकुमार मिश्रा ने कहा कि आज के टेक्नोलॉजी के इस दौर में युवा विभिन्न माध्यमों से अपने करियर को एक नई दिशा दे सकता है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता परिसर में विभिन्न रचनात्मक कार्यक्रमों के माध्यम से नवाचार के साथ युवा किस क्षेत्र में अपना करियर चुने इस लिए वर्षभर सकारात्मक दिशा में प्रयत्न करते रहते हैं।
परिषद की प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मौसमी पॉल ने कहा कि विद्यार्थी परिषद का यह रजत जयंती अधिवेशन युवाओं के लिए शिक्षा क्षेत्र में बेहतर कार्य करने स्वयं के व्यक्तित्व निर्माण के लिए प्रयत्न करने सहित विभिन्न रूपों से लाभकारी साबित होगा। प्रदेश मंत्री मनोज सोरेन ने कहा कि यह अधिवेशन केवल एक अधिवेशन मात्र नहीं है, बल्कि यह एक महामंथन है
उद्घाटन सत्र में मुख्य रूप से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री गोविंद नायक, क्षेत्रीय संगठन मंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ला, अखिल भारतीय जनजातीय कार्य प्रमुख प्रमोद राउत, प्रांत प्रमुख डॉ. पंकज कुमार और निवर्तमान अध्यक्ष डॉ. दीपनारायण जायसवाल सहित अन्य छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।