बंगाल बाढ़: ममता ने मोदी को फिर लिखा पत्र
कोलकाता 22 सितंबर : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दक्षिणी पश्चिम बंगाल में ‘मानव निर्मित’ बाढ़ की स्थिति पर एक नया पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने जोर देकर कहा है कि दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) ने उनकी सरकार से परामर्श किए बिना अपने जलाशयों से पानी छोड़ा है।
सुश्री बनर्जी ने रविवार को अपने एक्स हैंडल पर कहा,“यह दक्षिण बंगाल में डीवीसी द्वारा पानी छोड़े जाने के कारण आई विनाशकारी मानव निर्मित बाढ़ के बारे में देश के माननीय प्रधानमंत्री को मेरा दूसरा पत्र है।”
यह पत्र डीवीसी बोर्ड में पश्चिम बंगाल के प्रतिनिधि एवं राज्य के बिजली सचिव शांतनु बोस के विरोध में इस्तीफा देने के साथ ही लिखा गया है।
रविवार को एक सरकारी बयान में कहा गया कि सिंचाई और जलमार्ग के मुख्य अभियंता ने भी इसी कारण से दामोदर घाटी जलाशय विनियमन समिति (डीवीआरआरसी) से इस्तीफा दे दिया है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को दूसरा पत्र जल शक्ति मंत्रालय से अपने पहले पत्र के जवाब के बाद लिखा है। सुश्री बनर्जी ने लिखा,“मंत्री (जल शक्ति) का दावा है कि डीवीसी बांधों से पानी छोड़ने का काम दामोदर घाटी जलाशय विनियमन समिति (डीवीआरआरसी) के साथ आम सहमति और सहयोग से किया गया था, जिसमें पश्चिम बंगाल सरकार के प्रतिनिधियों के साथ परामर्श भी शामिल था। पर मैं सम्मानपूर्वक असहमत हूं।”
गत 20 सितंबर को प्रधानमंत्री को सुश्री बनर्जी के पत्र का जवाब देते हुए जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा था कि राज्य के अधिकारियों को डीवीसी जलाशयों से पानी छोड़े जाने के बारे में सूचित किया गया था, जो एक बड़ी आपदा टालना जरूरी हो गया। केंद्रीय मंत्री के बयान से असहमत होते हुए सुश्री बनर्जी ने प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा,“सभी महत्वपूर्ण निर्णय केंद्रीय जल आयोग, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा आम सहमति पर पहुंचे बिना एकतरफा लिए जाते हैं।”
सुश्री बनर्जी ने स्पष्ट किया कि कभी-कभी राज्य को बिना किसी सूचना के पानी छोड़ दिया जाता है और उनकी सरकार के विचारों का सम्मान नहीं किया जाता है। इसके अलावा जलाशयों से नौ घंटे की लंबी अवधि तक अधिकतम पानी छोड़ा गया, जो केवल 3.5 घंटे की सूचना के साथ किया गया था, जो अपर्याप्त साबित हुआ। उन्होंने कहा,“प्रभावी आपदा प्रबंधन के लिए काम किया जाना चाहिए।”
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि बाढ़ से 50 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। उन्होंने डीवीसी द्वारा मानव निर्मित बाढ़ से हुई अभूतपूर्व तबाही से निपटने के लिए पर्याप्त केंद्रीय अनुदान की भी मांग की।