जी-20 के बाद सार्वजनिक उपयोग के लिए उपलब्ध होगा भारत मण्डपम्
नयी दिल्ली 17 अगस्त : अगले माह जी-20 शिखर सम्मेलन के संपन्न होने के बाद राजधानी में नवनिर्मित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन एवं प्रदर्शनी केन्द्र ‘भारत मण्डपम्’ देशवासियों के उपयोग के लिए उपलब्ध होगा।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आज यहां भारत मण्डपम् में पत्रकारों के एक दल से मुलाकात की और उन्हें देश के इस सबसे बड़े एवं विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस सम्मेलन केन्द्र को विस्तार से दिखाया। पत्रकारों से बातचीत में मंत्री ने कहा कि जी-20 के शिखर सम्मेलन के संपन्न होने के बाद इसे सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए खोल दिया जाएगा। कोई भी भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) से इसकी बुकिंग करा सकेगा।
इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र के तीन स्तरों पर 24 बैठक कक्ष हैं। दस बैठक कक्षों में 50 व्यक्तियों के बैठने, छह कमरों में 100 लोगों के बैठने तथा चार बैठक कक्षों में 200 लोगों के बैठने की क्षमता है। इन कमरों में वीआईपी लाउंज भी हैं।
पूरे परिसर में सबसे प्रभावशाली कमरा लेवल दो पर ‘समिट रूम’ है, जहां 9 एवं 10 सितंबर को जी-20 के नेता मिलेंगे। इसकी छत पर मधुबनी, राजस्थानी, गुजराती शैली के कई परतों वाले भित्तिचित्र हैं और चेक गणराज्य से आयातित झूमर आपकी आँखों को चकाचौंध कर देते हैं। भदोही के कालीन, धौलपुरी लाल पत्थरों के साथ भारतीय संगमरमर के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। पूरा फर्नीचर भारत का बना हुआ है। सम्मेलन स्थल पर फर्श पर मोरपंख वाला कालीन दिखायी देते हैं। आधुनिक कैमरे और हाईस्पीड वाईफाई सुविधा भी उपलब्ध करायी गयी है। लॉबी में स्त्री पुरुषों की विभिन्न योगासनों वाली 32 आकृतियां और तीसरे तल पर सूर्य एवं उनके रथ के सात घोड़ों की आकृतियां बनायीं गयीं हैं।
बैठक कक्षों के अलावा, दो अत्याधुनिक सभागार हैं। एक सभागार में 600 लोगों और दूसरे मे 900 लोगों की बैठने की क्षमता है। इनमें विशाल एलईडी स्क्रीन, प्रोजेक्टर, अत्याधुनिक एकूस्टिक, ध्वनियंत्र आदि लगाये गये हैं। तीसरी मंज़िल पर कन्वेंशन सेंटर का मुख्य आकर्षण है – 4000 सीटों वाला बहुउद्देशीय हॉल। बहुउद्देश्यीय हॉल से जुड़ा हुआ प्लेनरी हॉल है जिसमें 3000 लोग बैठ सकते हैं। आवश्यकता पड़ने पर दोनों हॉलों को एक साथ जोड़कर 7000 व्यक्तियों की बैठने की क्षमता बनाई जा सकती है। प्लेनरी हॉल के ऊपर बालकनी से दिल्ली का नज़ारा दिखता है जिसमें इंडिया गेट, उच्चतम न्यायालय और अन्य महत्वपूर्ण इमारतों के साथ साथ दिल्ली की हरियाली दिखायी देती है। बालकनी में भी आरजीबी सिस्टम वाली आयातित लाइटें लगायीं गयीं हैं।
अधिक जगह के लिए 3000 लोगों के बैठने के लिए एक ओपन एयर एम्फीथिएटर बनाया गया है। मुख्य द्वार पर अंदर आते ही बांये हाथ में पीएम लाउंज है जहां जी-20 में आने वाले नेताओं को बैठने की सुविधा होगी। प्रत्येक स्तर पर रसोई सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं और खानपान का अनुबंध आईटीसी लिमिटेड को दिया गया है।
अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केन्द्र के अलावा प्रगति मैदान में प्रदर्शनी आदि के लिए सात हाॅल बनाये गये हैं। इस पूरी परियोजना पर करीब 2700 करोड़ रुपए की लागत आयी है।