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मणिपुर में सुरक्षाबलों की बड़ी कार्रवाई, तीन प्रतिबंधित संगठनों के छह सदस्यों को किया गिरफ्तार

इंफाल: मणिपुर में फैले अराजकता के बीच बुधवार को सुरक्षाबलों नें पश्चिम इंफाल और काकचिंग जिले से तीन प्रतिबंधित संगठनों के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया। ये छह सदस्य प्रतिबंधित कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (पीडब्ल्यूजी), प्रेपक (पीआरओ) और केसीपी (सिटी मैतेई) संगठन के बताए जा रहे है। इनपर जबरन वसूली, पत्थरबाजी समेत कई आरोप हैं।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बुधवार को इंफाल पश्चिम जिले के कामेंग सबल इलाके में एक शिविर से कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (पीडब्ल्यूजी) के चार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार किए गए पीडब्ल्यूजी सदस्य ताखेलमायम विक्टर, हुइड्रोम विकास सिंह, ओइनम नाओचा और अवंगशी जॉन जबरन वसूली में शामिल थे। ये लोग इंफाल और आसपास के इलाकों में दुकानदारों, सरकारी कर्मचारियों और फार्मेसियों से पैसे वसूलते थे। उनके पास से पांच आग्नेयास्त्र और कुछ अन्य वस्तुएं भी बरामद की गईं।

इसके अलावा, एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि सिंगजामेई ओकराम लेईकाई से प्रेपक (पीआरओ) संगठन के एक सक्रिय सदस्य पेबम ढाकेशोर सिंह को गिरफ्तार किया गया। वह अपने सहयोगी के दिए गए मोबाइल फोन से सिंगजामेई क्षेत्र में लोगों से पैसे मांगने में शामिल था। इसके साथ ही, काकचिंग जिले के एरुम्पल इलाके से केसीपी (सिटी मैतेई) के सदस्य मोइरंगथेम गोबिन को गिरफ्तार किया गया। वह काकचिंग और थौबल जिलों में जबरन वसूली करता था।

एक और मामले के तहत मणिपुर पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों पर सक्रिय सिम कार्ड बेचने के मामले में एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने सभी मोबाइल सेवा प्रदाताओं से अनुरोध किया है कि वे उचित सत्यापन प्रक्रिया को सुनिश्चित करें, अन्यथा इसके लिए सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

अधिकारी ने बताया कि फर्जी पहचान पत्रों पर सिम कार्ड बेचने के मामले में पोरोमपत पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है। ऐसे सिम कार्ड का उपयोग असामाजिक और भूमिगत तत्व आम जनता से जबरन वसूली और धमकाने के लिए करते हैं।

पुलिस ने बताया कि हाल ही में एक आपराधिक मामले की जांच के दौरान यह पाया गया कि जिस ग्राहक के नाम पर सिम कार्ड जारी किया गया था, उसे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी और सिम कार्ड का इस्तेमाल भूमिगत संगठन के एक सदस्य द्वारा अवैध कामों के लिए किया जा रहा था। जांच के दौरान कुछ छापे मारे गए हैं और आगे भी छापेमारी की जाएगी।

मणिपुर में मई 2023 में जातीय हिंसा भड़कने के बाद पुलिस केंद्रीय बलों के साथ मिलकर तलाशी अभियान चला रही है। इस हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।

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