झारखंड हाई कोर्ट से सेवानिवृत्ति उम्र सीमा को लेकर आयुर्वेद चिकित्सकों को बड़ी राहत
रांची, 24 सितंबर । झारखंड हाई कोर्ट से सेवानिवृत्ति उम्र सीमा को लेकर आयुर्वेद चिकित्सकों को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाई कोर्ट की एकल पीठ ने मंगलवार काे राज्य सरकार के वर्ष 2011 के नोटिफिकेशन की तिथि से ही आयुर्वेदिक चिकित्सकों की भी सेवानिवृत्ति उम्र सीमा 60 से 65 वर्ष मानते हुए उन्हें देय लाभ भुगतान का निर्देश दिया है।
राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की तर्ज पर वर्ष 2011 में एलोपैथी चिकित्सको की सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा 60 से 65 वर्ष कर दी थी लेकिन आयुर्वेदिक चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति उम्र सीमा में कोई बदलाव नहीं किया था, जिसे लेकर याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए कहा था कि एलोपैथिक चिकित्सकों की तरह उनकी भी सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा 60 से बढ़कर 65 वर्ष कर दी जाए। हाई कोर्ट की एकल पीठ ने इसपर आदेश दिया और कहा कि एलोपैथिक चिकित्सकों के समतुल्य आयुर्वेदिक चिकित्सकों को मानते हुए राज्य सरकार के वर्ष 2011 की ओर तिथि से ही इनकी भी सेवानिवृत्ति 60 से 65 वर्ष करने का निर्देश दिया था।
हाई कोर्ट के एकल पीठ के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने अपील दाखिल की थी। इसी दौरान वर्ष 2021 में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की तर्ज पर नोटिफिकेशन निकाला था, जिसमें वर्ष 2021 की तिथि से आयुर्वेदिक चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा 60 से 65 वर्ष कर दी थी।
याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट में रिट याचिका दाखिल कर कहा था कि अगर उन्हें एलोपैथिक चिकित्सकों के समतुल्य माना जाता है तो वर्ष 2011 के राज्य सरकार के नोटिफिकेशन के आधार पर एलोपैथिक चिकित्सकों की तरह ही उसी तिथि से उनकी भी उम्र सीमा 60 से 65 वर्ष की जाए और उन्हें देय लाभ दिलाया जाए, जिस पर झारखंड हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए वर्ष 2011 की तिथि से आयुर्वेदिक चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा 60 से 65 मानते हुए जो आयुर्वेदिक चिकित्सक सेवानिवृत हुए उन्हें सारे लाभ देने का निर्देश दिया है। मामले को लेकर आयुर्वेद मेडिकल ऑफिसर रविंद्र नाथ प्रसाद एवं अन्य सहित तीन याचिकाएं हाईकोर्ट में दाखिल की गई थी।