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बिहार : जमुई के जंगल में भीषण आग, हजारों पेड़ राख, वन्यजीवों में हाहाकार

जमुई। जिले के सिमुलतला क्षेत्र में जंगल की आग ने विकराल रूप धारण कर लिया है. हल्दिया झरना पहाड़ से लेकर तिलौना, बघावा और लीलावरण तक आग फैल चुकी है, जिससे हजारों पेड़ जलकर राख हो गए हैं. इस भीषण आग के कारण वन्यजीवों के अस्तित्व पर गंभीर संकट मंडरा रहा है. छोटे जीव इसकी चपेट में आ रहे हैं, जबकि बड़े जानवर सुरक्षित स्थान की तलाश में भटकने को मजबूर हैं. जंगलों में लगी इस आग से क्षेत्र की हरियाली भी तेजी से समाप्त हो रही है.

स्थानीय लोगों के अनुसार, यह आग गर्मी के मौसम में महुआ चुनने की पुरानी परंपरा के कारण फैलती है. लोग जानबूझकर सूखे पत्तों में आग लगाते हैं, जिससे कई दुर्लभ जड़ी-बूटियां और नवजात पौधे नष्ट हो जाते हैं. यह प्रथा जंगलों के पारिस्थितिकी तंत्र को गहरा नुकसान पहुंचा रही है. वनपाल अजय कुमार पासवान ने बताया कि आग सेक्टर 07 और 03 में विकराल रूप ले चुकी है. इसे नियंत्रित करने के लिए वन विभाग ने दो अग्निशमन वाहनों को तैनात किया है. कटलगार्ड और सिपसी की मदद से फायर लाइन काटकर आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन इस पर नियंत्रण पाना अभी भी एक चुनौती बना हुआ है.

पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि जंगलों में आग लगने की इस समस्या का स्थायी समाधान निकालना बेहद आवश्यक है. सरकार वृक्षारोपण पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन जंगलों को आग से बचाने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं. यदि यही स्थिति बनी रही, तो यह पूरा पारिस्थितिकी तंत्र को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा. इससे न केवल वन्यजीवों का जीवन संकट में पड़ेगा, बल्कि इंसान और पर्यावरण को भी भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.

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