बिहार : तटबंध टूटने से आई परेशानी नहीं हो रही कम, उजड़े आशियाने, फसलें हो गई बर्बाद
भागलपुर। बिहार के भागलपुर जिले के इस्माइलपुर बिंदटोली तटबंध के क्षतिग्रस्त होने से आई बाढ़ ने ग्रामीणों की परेशानी बढ़ा दी है। जिला प्रशासन भले ही राहत शिविर लगाकर ग्रामीणों की परेशानियों को कम करने की कोशिश में जुटा है, लेकिन ग्रामीणों को उजड़े आशियाने और फसलों की बर्बादी की चिंता सता रही है।
मंगलवार को तटबंध के ध्वस्त होने कर बाद करीब एक दर्जन गांव प्रभावित हुए। खेतों में लबालब पानी भर गया। तटबंध टूटने के बाद गांवों में घुसे पानी ने दर्जनों घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया, तिनके की तरह सामानों को बहाकर अपने साथ ले गया।
ग्रामीण कहते हैं कि उनके घरों और फसलों का क्या होगा? आखिर तटबंध ही आसरा होगा।
नवगछिया के अनुमंडल पदाधिकारी उत्तम कुमार ने आईएएनएस को बताया कि गोपालपुर के महिपाल राजकीय उच्च बुनियादी विद्यालय तीनटंगा और जगदंबा कन्या विद्यालय में सामुदायिक किचन शुरू कराया गया है। यहां पर लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अलावा पशुपालकों के बीच जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा पशु चारा का वितरण कराया जा रहा है। प्रभावित इलाके में मवेशियों की सेहत की जांच के लिए पशु चिकित्सक लगाए गए हैं। पर्याप्त चारा की व्यवस्था की गई है। अभी तक 450 से अधिक पशुओं को चारा उपलब्ध कराया गया है।
उन्होंने बताया कि तटबंध के किनारे रहने वालों लोग ज्यादा प्रभावित हुए हैं। अब पानी कम हो रहा है। फिर भी एहतियातन एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 12 टीमें यहां रखी गई हैं, जो किसी भी सूचना पर घटनास्थल पर तुरंत पहुंच सकेगी। प्रभावित क्षेत्र में नाव के इंतजाम भी किए गए हैं ताकि लोगों को अपने सामान निकालने में मदद मिल सके। बाढ़ प्रभावित लोगों के आवास के लिए दो शिविर बनाए गए हैं। इन शिविरों में भोजन, पेयजल की भी व्यवस्था है।
उत्तम कुमार ने बताया कि तटबंध की मरम्मत का कार्य भी चल रहा है। तटबंध को सुरक्षित कर लिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि जल्द ही बर्बाद हो गई फसलों और घरों का सर्वे कराया जाएगा और नियमानुकूल क्षतिपूर्ति की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को भागलपुर जिले के गोपालपुर प्रखंड के इस्माइलपुर बिंद टोली तटबंध के क्षतिग्रस्त होने से गंगा नदी ने कहर मचा दिया था। तटबंध के टूटने के बाद कई गांवों में पानी घुस गया। भागलपुर जिले में गोपालपुर प्रखंड में इस्माइलपुर बिंद टोली तटबंध, जो लगभग 8.15 किलोमीटर लंबा है, की सुरक्षा के लिए 14 स्पर हैं जो तटबंध को सुरक्षित बनाने के लिए बनाए जाते हैं। स्पर संख्या सात और आठ के बीच तटबंध क्षतिग्रस्त हो गया था।
–आईएएनएस