अरबों डॉलर के वैश्विक घोटाले वाले नेटवर्क का खुलासा: बीबीसी रिपोर्ट
लंदन 12 अप्रैल : बीबीसी ने बुधवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि उसने एक वर्ष से भी ज्यादा समय तक जांच-पड़ताल करने के बाद अरबों डॉलर के वैश्विक घोटाले वाले नेटवर्क का पता लगाया है, जिसने आम निवेशकों से एक अरब डॉलर से ज्यादा की लूट की है।
बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उसने एक वर्ष से ज्यादा समय तक सैकड़ों निवेश ब्रांडों के एक वैश्विक धोखाधड़ी वाले व्यापार नेटवर्क की जांच की और पाया कि उसने अनजाने ग्राहकों को अपने जाल में फंसाकर एक अरब डॉलर से ज्यादा का घोटाला किया।
बीबीसी ने कहा कि जांच में उसने कारोबारियों के एक छद्म नेटवर्क की पहचान की जो इस घोटाले के पीछे शामिल दिखाई देते हैं।
बीबीसी के अनुसार, पुलिस इस नेटवर्क को ‘मिल्टन ग्रुप’ के नाम से जानती रही है, एक ऐसा नाम जिसका उपयोग मूल रूप से घोटालेबाज खुद के लिए करते थे लेकिन 2020 में इस नाम का त्याग कर दिया गया। जांच में सोलो कैपिटल्स सहित 152 ब्रांडों की पहचान की गई, जिनपर इस वैश्विक घोटाले वाले नेटवर्क में शामिल होने का शक है। यह निवेशकों को लक्षित करते हुए, उनसे हजारों या कुछ मामलों में लाखों पाउंड का धोखाधड़ी करते हैं।
यहां तक कि एक मिल्टन ग्रुप निवेश ब्रांड ने एक शीर्ष स्पेनिश फुटबॉल क्लब को प्रायोजित किया था और प्रमुख समाचार पत्रों में विज्ञापन दिया, जिससे संभावित निवेशकों में इसकी विश्वसनीयता में बढ़ोत्तरी हुई।
नवंबर 2022 में, बीबीसी ने जर्मन और जॉर्जियाई पुलिस के साथ मिलकर जॉर्जिया की राजधानी त्बिलिसी के एक कॉल-सेंटर में छापेमारी की जहां उन्हें कंप्यूटर स्क्रीन पर ब्रिटिश फोन नंबरों की एक श्रृंखला प्राप्त हुई। जब उन्होंने इसमें से कई लोगों को फोन किया और ब्रिटिश नागरिकों से बात की, तब उन्होंने बताया कि उन्होंने सिर्फ अपना पैसा निवेश किया है।
अधिकांश पीड़ित सोशल मीडिया पर विज्ञापन देखने के बाद इस नेटवर्क में साइन अप करते हैं। अधिकांश को 48 घंटों के अंदर किसी व्यक्ति का फोन आता है जो उन्हें बताता है कि वह किस प्रकार प्रति दिन 90 प्रतिशत तक रिटर्न कमा सकते हैं। फोन के दूसरे छोर पर आमतौर पर एक कॉल सेंटर होता है जिसमें एक वैध कारोबार जैसी अनेक सुविधाएं मौजूद होती है जैसे मानव संसाधन विभाग के साथ-साथ एक स्मार्ट और आधुनिक कार्यालय, मासिक लक्ष्य और बोनस, सर्वश्रेष्ठ विक्रेता बनने की प्रतियोगिता और उनके लाभ आदि। लेकिन ऐसे कुछ तत्व भी होते हैं जो किसी वैध कारोबार में नहीं मिलते जैसे कि संभावित निवेशक की कमजोरियों की पहचान करना और उन कमजोरियों का फायदा उठाने के लिए लिखित मार्गदर्शन करना।
मिल्टन ग्रुप में विनियमित ब्रांडों के लिए साइन अप करने वाले कुछ पीड़ितों को उनके द्वारा पैसा गंवाने और दलाला द्वारा पैसा कमाने के लिए डिज़ाइन किए गए व्यापार करने का निर्देश दिया जाता है जो ब्रिटेन के कानून के अंतर्गत अवैध है। कुछ पीड़ितों को सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने का निर्देश दिया जाता है जिसके माध्यम से दूर बैठकर घोटालेबाल अपने कंप्यूटर से इसे नियंत्रित करने और अपने फायदे के अनुसार व्यापार करने में सक्षम बन जाते है। मिल्टन ग्रुप ब्रांडों के पूर्व कर्मचारियों के अनुसार, ग्राहकों को लगता है कि वे व्यापार कर रहे हैं लेकिन वास्तव में उनके पैसों का गबन किया जा रहा होता है।
यूक्रेन की राजधानी कीव में मिल्टन समूह कार्यालय के एक पूर्व कर्मचारी एलेक्स ने कहा, “पीड़ितों को लगता है कि उनके पास कंपनी का एक वास्तविक खाता है लेकिन वास्तव में वहां कोई व्यापार नहीं होता है बल्कि केवल एक जालसाजी होती है।”
इस घोटाले को ठीक तरीके से समझने के लिए, बीबीसी की टीम ने खुद को एक महत्वाकांक्षी व्यापारी के रूप में प्रस्तुत किया और मिल्टन समूह के एक व्यापारिक प्लेटफार्म ‘कोइनेवो’ से संपर्क किया। पैट्रिक नामक एक सलाहकार ने उन्हें बताया कि वे एक ही दिन में रिटर्न के रूप में 70फीसदी, 80 प्रतिशत या 90 फीसदी तक प्राप्त कर सकते हैं लेकिन उन्हें व्यापार शुरू करने के लिए पूंजी के रूप में कम से कम 500 डॉलर मूल्य का बिटकॉइन भेजना होगा।
पैट्रिक ने बीबीसी के अंडरकवर व्यापारी को उसके पासपोर्ट की एक छायाप्रति देने का दबाव बनाया और एक नकली छायाप्रति प्रदान करने के बाद वह लगभग दो महीने तक उस खाता को संचालित करने में सक्षम बना रहा जब तक कोइनेवो को उसके नकली होने का पता नहीं चला, इसके बाद उसका संपर्क काट दिया गया।
चूंकि बीबीसी की जमा राशि पहले से ही सिस्टम में थी इसलिए वे इस राशि को ट्रैक करने में सक्षम बने रहे, जिसे बाद में छोटे-छोटे अंशों में विभाजित कर दिया गया और कई अलग-अलग बिटकॉइन वॉलेट के माध्यम से स्थानांतरित कर दिया गया जो सभी मिल्टन समूह से जुड़े हुए प्रतीत हो रहे थे। बीबीसी ने कुछ विशेषज्ञों से बातचीत की जिन्होंने कहा कि वास्तविक वित्तीय संस्थान इस प्रकार से पैसा नहीं देते हैं। क्रिप्टोकरेंसी और धोखाधड़ी में विशेषज्ञता प्राप्त वकील लुईस एबॉट ने इन पैसे के प्रवाह की जांच की और इसे बड़े स्तर का ‘संगठित अपराध’ बताया। श्री एबॉट ने कहा कि पैसों का इस प्रकार से विभिन्न बिटकॉइन वॉलेट में फैलाने का कारण इसे आपके या पीड़ित या वकील के रूप में हमारे लिए ज्यादा से ज्यादा जटिल और मुश्किल बनाना है।
इन व्यापार घोटालों के पीड़ित प्रायः अपनी वित्तीय और सामाजिक परिस्थितियों के कारण इसका शिकार बनते हैं। जो लोग बड़ी बचत का खुलासा करते हैं, उन्हें बड़े निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और जो लोग एकाकी होते हैं, उनसे घोटालेबाज दोस्ती करते हैं और अपना शिकार बनाते हैं।
गौरतलब है कि, मिल्टन समूह की जांच-पड़ताल स्वीडिश समाचारपत्र डैगेन्स न्यहेटर और अन्य ने पहले भी की है, लेकिन बीबीसी ने इस वैश्विक घोटाले के पीछे वरिष्ठ हस्तियों की पहचान करने के लिए इसकी पड़ताल की। पड़ताल में पांच नाम बार-बार सामने आए, जो मिल्टन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म या सहायक तकनीकी कंपनियों के निदेशकों के रूप में सूचीबद्ध रहे हैं- डेविड टोडुआ, रति टेचेलिड्ज़, गुरम गोगेश्विली, जोसेफ मगेलाद्ज़े और माइकल बेनिमिनी।
बीबीसी ने 2016 में ऑफशोर कंपनियों का विवरण देने वाली पनामा पेपर्स में इन पांच नामों को प्लग किया और पाया कि उनमें से चार- टचेलिडज़, गोगेश्विली, मगेलाद्ज़े और बेनिमिनी- ऑफशोर कंपनियों या सहायक कंपनियां इस ग्रुप में निदेशक या वरिष्ठ हस्तियों के रूप में सूचीबद्ध रहे हैं।
इन गैर-मिल्टन कंपनियों में से अनेक कंपनियां किसी न किसी रूप से डेविड केज़ेराशविली से जुड़े रहे हैं, जो एक पूर्व जॉर्जियाई सरकारी अधिकारी और दो वर्षों तक देश के रक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। श्री केज़ेराशविली को रक्षा मंत्री के पद से बर्खास्त किया गया और बाद में उन्हें 05 मिलियन डॉलर से अधिक सरकारी धन का गबन करने का दोषी ठहराया गया। दोषी ठहराए जाने के समय वह लंदन में रह रहे थे और ब्रिटेन ने जॉर्जिया द्वारा उनके प्रत्यर्पण के अनुरोध को ठुकरा दिया।
बीबीसी ने कहा कि श्री केज़ेराशविली का इन पूर्व-मिल्टन नेटवर्क से संबंध का कोई सार्वजनिक दस्तावेज प्राप्त नहीं हुआ, लेकिन पनामा पेपर्स में उनका नाम बार-बार सामने आया और उन्हें नेटवर्क में मूल कंपनियों के संस्थापक या उनके प्रारंभिक शेयरधारकों के रूप में पहचाना गया। बीबीसी ने कहा कि पर्दे के पीछे, श्री केज़रशविली उस नेटवर्क के केंद्र में दिखाई दिए।
बीबीसी के अनुसार, जहां तक मिल्टन ग्रुप की बात है, श्री केज़ेराशविली को इस घोटाले वाली कंपनियों से जोड़ने वाले कोई सार्वजनिक दस्तावेज प्राप्त नहीं हुए और इस बात का भी कोई सबूत नहीं मिला कि मिल्टन ब्रांडों में उनका कोई प्रत्यक्ष वित्तीय हित शामिल रहा है।
वहीं मिल्टन ग्रुप से जुड़ी कंपनियों के कई पूर्व कर्मचारियों ने बीबीसी को गोपनीय रूप से कहा कि उनका श्री केज़रशविली से सीधा संबंध रहा है और वे श्री केज़रशविली को मिल्टन ग्रुप में शामिल व्यक्ति के रूप में जानते हैं।
वार्ता