जनता में भाजपा की स्वीकार्यता और लोकप्रियता बढ़ी : लक्ष्मीकांत वाजपेयी
रांची, 01 दिसंबर । भाजपा के प्रदेश प्रभारी डॉ लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि बैठक में जो निष्कर्ष निकला है, वह भारतीय जनता पार्टी के लिए भविष्य में मील का पत्थर साबित होगा। यह सच है कि हम चुनाव हारे हैं लेकिन चुनाव में अंकगणित काम देता है। हमने वोट बढ़ाए हैं। प्रतिशत बढ़ाया है। जनता में भाजपा की स्वीकार्यता बढ़ी है लेकिन अंकगणित में भाजपा पीछे रह गई। इससे सीख लेकर इस हार से एक मजबूत संगठन बनाने का संकल्प लिया गया है।
प्रदेश प्रभारी वाजपेयी और कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष डॉ रविंद्र कुमार राय ने
रविवार को प्रदेश कार्यालय में रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संयुक्त रूप से संबोधित किया। वाजपेयी ने कहा कि अंगद की तरफ पैर जमाकर समाज जीवन में अपने दायित्व का निर्वहन करने के लिए काम करेंगे। सदस्यता अभियान के माध्यम से एक बार हम कार्यकर्ता को संरक्षण देने वाला संगठन का निर्माण करेंगे। फरवरी तक नये प्रदेश अध्यक्ष का निर्वाचन हो जाएगा। सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएंगे। सरकार अच्छे काम करती है तो ठीक है, जन विरोधी काम करने पर भाजपा सड़क पर भी जाने में कोई संकोच नहीं करेगी। जनता के साथ कोई घटना होगी तो निश्चित तौर पर इसके लिए संघर्ष करेंगे। पार्टी के कार्यकर्ता के साथ कोई छेड़छाड़ करने की कोशिश की तो हर परिस्थिति में संरक्षण देंगे। संगठन के माध्यम से ताकत का सृजन करेंगे। ताकत का सृजन कर आगे बढ़ेंगे। सांसद पुंडेश्वरी जी झारखंड में सदस्यता अभियान की देखरेख करने के लिए नियुक्त हुई है।
मौके पर प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी ने दो दिनों तक पांच सत्रों में बैठक की। इस दौरान चुनाव के संचालन से लेकर उसके प्रबंधन और परिणाम तक की विस्तृत चर्चा की गई। दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी होने के नाते भाजपा ने अपनी निरंतरता, कार्यकर्ता और चुनाव में लगे लोगों के बीच में हमारे वैचारिक प्रवाह के अंतर्गत राजनीति उद्देश्य, राष्ट्रहित और लोकतंत्र के हित में काम करने के मिशन के तहत इस चुनाव को लिया है। राजनीति में चुनाव महत्वपूर्ण पहलू है। इसका परिणाम सफलता और असफलता सामान्य नजरों में देखी जाती है। भाजपा इसे थोड़ा और गहराई जाकर इस रूप में लेती है कि हमको समाज ने किस रूप में जिम्मेदारी दी है और किस रूप में कितना स्वीकार किया है।
राय ने कहा कि झारखंड की जनता में भारतीय जनता पार्टी की विश्वसनीयता में कोई कमी नहीं आई है। पहले से पार्टी को 9 लाख अधिक वोट मिले हैं। लोगों के बीच में भारतीय जनता पार्टी के मुद्दे और विषय को स्वीकृति भी मिली लेकिन वोटो के ध्रुवीकरण के कारण इसमें सांप्रदायिकता का भाव और जातीयता का उभार पैदा किया गया कुछ समूहवाद को और झारखंड को विभाजित करने का काम किया गया। इसकी वजह से जो परिणाम की उम्मीद की थी, वह नहीं आई। हालांकि, इसमें भाजपा के संगठन और उम्मीदवार के स्तर पर कमी और आरोप प्रत्यारोप की बात कहीं से नहीं आई। हर व्यक्ति ने स्वीकार किया कि समाज में हमारी बातों को सुना और सराहा गया।
राय ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ जातीय दुर्भावना, सांप्रदायिक दुर्भावना और अलग-अलग कम्युनिटी को भावनाओं को भड़काने का काम झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद ने कियाा। इसके कारण का धुव्रीकरण का दुष्परिणाम आया लेकिन भारतीय जनता पार्टी अपने संगठन और विचारधारा के प्रवाह में इस परिणाम की बिना परवाह किए झारखंड के जनता के हित में आगे अपना काम करती रहेगी। विपक्ष की भूमिका निभाएगी और सरकार के कार्यों का बहुत ही गंभीरता से निरीक्षण करेगी। देखती रहेगी कि जो जनता के सामने वादे हुए, पूरे हो रहे हैं कि नहीं हो रहे हैं। हम एक सजग लोकतांत्रिक प्रहरी की भूमिका निभाएंगे।