कॉल सेंटर-क्रिप्टोकरेंसी रैकेट: ईडी ने पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर छापेमारी की, आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद
कोलकाता। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में कई स्थानों पर छापेमारी और तलाशी शुरू की। ईडी की टीम ने ज्यादातर कोलकाता और उसके आसपास के इलाकों में छापेमारी की। छापेमारी राज्य से संचालित एक कॉल सेंटर-सह-क्रिप्टोकरेंसी रैकेट के संबंध में की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, वर्तमान में ईडी अधिकारियों की विभिन्न टीमें कोलकाता और उसके आसपास के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी और तलाशी अभियान चला रही हैं। एजेंसी की प्रत्येक टीम को सीएपीएफ के जवान सुरक्षा दे रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, यह विशेष रैकेट फर्जी कॉल सेंटरों के माध्यम से सॉफ्टवेयर से संबंधित सेवाएं देने के बहाने विदेशों में रहने वाले लोगों को धोखा देने और उसके बाद क्रिप्टोकरेंसी के रूप में एकत्र की गई राशि को विदेश में भेजने में शामिल था।
छापेमारी और तलाशी अभियान सुबह 8 बजे से 10 अलग-अलग स्थानों पर एक साथ शुरू हुआ। जानकारी के अनुसार, ईडी अधिकारियों की कार्रवाई अभी भी जारी है। जिन स्थानों पर ईडी की टीम छापेमारी और तलाशी अभियान चला रही है उनमें कोलकाता में बल्लीगंज, तोपसिया और पिकनिक गार्डन, साल्ट लेक, राजारहाट और शहर के उत्तरी बाहरी इलाके में सेक्टर वी का सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र शामिल हैं।
सूत्रों ने बताया कि ईडी अधिकारियों ने कई स्थानों से कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए हैं, जिनमें कागजी और डिजिटल दोनों तरह के दस्तावेज शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार, कोलकाता के व्यवसायी राजेश गोयनका विशेष रूप से केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों की जांच के दायरे में हैं। धोखाधड़ी के शिकार लोगों से शिकायतें मिलने के बाद ईडी द्वारा गुरुवार को ये कार्रवाई की जा रही है। ईडी ने शिकायत मिलने के बाद प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज करने के बाद जांच शुरू की थी।
सूत्रों ने बताया कि जांच अधिकारियों का मानना है कि इस रैकेट की मुख्य जड़ पश्चिम बंगाल में है। लेकिन इस बात की ज्यादा संभावना है कि इसकी शाखाएं अन्य राज्यों, विशेषकर पूर्वी भारत में भी हो सकती हैं।
सूत्रों ने बताया कि ईडी के अधिकारी जब्त किए गए कागजात और डिजिटल दस्तावेजों की जांच करके पूरे जालसाजी में शामिल धन की सही मात्रा का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
–आईएएनएस