सीबीआई ने डिजिटल मुद्रा पोंजी योजना चलाने वाले सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया
नयी दिल्ली 24 जनवरी : केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 350 करोड़ रुपये से अधिक के क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन से जुड़े उच्च रिटर्न का वादा करने वाली डिजिटल मुद्रा पोंजी योजनाओं से संबंधित एक मामले में सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
सीबीआई ने शुक्रवार को बताया कि सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 10 स्थानों पर तलाशी ली गई जिसमें 34 लाख रुपये की नकदी, क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट में करीब 38,414 अमेरिकी डॉलर की डिजिटल वर्चुअल संपत्ति सहित कई आपत्तिजनक डिजिटल साक्ष्य और उपकरण बरामद किए गए।
सीबीआई ने यह मामला भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 के साथ धारा 120बी और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66डी के तहत सात आरोपी व्यक्तियों (जो अलग-अलग संगठित साइबर अपराध मॉड्यूल चला रहे हैं) के खिलाफ दर्ज किया है। ये सभी लोग दिल्ली, हजारीबाग, बठिंडा, रतलाम, वलसाड, पुदुक्कोट्टई, चित्तौड़गढ़ शहरों के हैं। इन सभी पर अनियमित जमा योजनाओं में निवेशकों को लुभाने के लिए झूठी और भ्रामक जानकारी को बढ़ावा देने, वादा करने और प्रसारित करने का भी आरोप है, जो भारतीय रिजर्व बैंक जैसे नियामक प्राधिकरणों से अपेक्षित अनुमोदन के बिना संचालित होती हैं।
जांच के सिलसिले में सीबीआई ने दिल्ली, झारखंड, पंजाब, मध्य प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु और राजस्थान में सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 10 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। तलाशी के दौरान 34.2 लाख रूपये की नकदी बरामद हुई, साथ ही सात मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, एक टैबलेट, तीन हार्ड डिस्क, 10 पेन ड्राइव, मेमोरी कार्ड, सिम कार्ड, एटीएम/डेबिट कार्ड, ईमेल खाते और कई आपत्तिजनक दस्तावेज सहित महत्वपूर्ण डिजिटल साक्ष्य भी मिले। इसके अलावा, आरोपी व्यक्तियों के क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट में कुल 38,414 अमेरिकी डॉलर की डिजिटल वर्चुअल संपत्ति जब्त की गई, जिसे जांच के लिए डिजिटल रूप से सुरक्षित कर लिया गया है।
इन पोंजी योजनाओं को कई सोशल मीडिया समूहों के माध्यम से बढ़ावा दिया जा रहा था। बैंक खातों के लेन-देन और क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट के विश्लेषण से पता चला है कि इन योजनाओं से अवैध आय को क्रिप्टोकरेंसी में बदला जा रहा था ताकि उनकी उत्पत्ति को छिपाया जा सके।