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सीबीआई ने 1990 के भारतीय वायु सेना अधिकारियों की हत्या मामले में आतंकवादी रफीक पहलू की जमानत रद्द करने की मांग की

जम्मू। सीबीआई ने 1990 के भारतीय वायु सेना अधिकारियों की हत्या मामले और 1989 रुबैया सईद अपहरण मामले में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के आतंकवादी रफीक पहलू की जमानत रद्द करने की मांग करते हुए शनिवार को जम्मू की विशेष टाडा अदालत का रुख किया।

वरिष्ठ अतिरिक्त महाधिवक्ता और सीबीआई की मुख्य अभियोजक मोनिका कोहली ने कहा कि आतंकवाद से संबंधित दोनों मामले शनिवार को विशेष टाडा अदालत में सुनवाई के लिए आए।

आतंकवादी रफीक पहलू को दो मामलों में जमानत मिल चुकी है लेकिन हाल ही में अलगाववादी गतिविधियों को पुनर्जीवित करने की कोशिश के लिए कई अन्य लोगों के साथ श्रीनगर में गिरफ्तार किया गया था।

जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक जो हत्या और अपहरण मामलों में भी आरोपी हैं, कुछ तकनीकी खराबी के कारण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा के माध्यम से कार्यवाही में शामिल नहीं हो सका।

मोनिका कोहली ने कहा कि जैसे ही दोनों मामलों में कार्यवाही शनिवार को शुरू हुई सीबीआई ने दोनों मामलों में रफीक पहलू की जमानत रद्द करने के लिए एक आवेदन दायर किया, जिसमें विशेष टाडा अदालत को सूचित किया गया कि उसने अलगाववादी गतिविधियों में शामिल होकर जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि अदालत ने सेंट्रल जेल के अधीक्षक को सुनवाई की अगली तारीख पर रफीक पहलू को वर्चुअल मोड के माध्यम से पेश करने का निर्देश दिया और पूरी संभावना है कि दोनों मामलों में उसकी जमानत रद्द कर दी जाएगी।

विशेष आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम अदालत पहले ही दोनों मामलों में जेकेएलएफ प्रमुख मलिक और कई अन्य लोगों के खिलाफ अलग-अलग आरोप तय कर चुकी है। कोहली ने कहा कि अदालत ने वायुसेना हत्या मामले में सुनवाई की अगली तारीख 16 सितंबर और गवाहों से जिरह के लिए रुबैया सईद अपहरण मामले में 1 अक्टूबर तय की है। रुबैया सईद मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी हैं जो उस समय केंद्रीय गृह मंत्री थे।

उल्लेखनीय है कि यासीन मलिक अप्रैल 2019 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं, जब उसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक आतंकी फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया था। रफीक पहलू उर्फ नानाजी घाटी में प्रतिबंधित जेकेएलएफ और अलगाववादी गठबंधन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को पुनर्जीवित करने की साजिश से संबंधित मामले में जुलाई में एक होटल से पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 10 आतंकवादियों में से एक था। वह फिलहाल न्यायिक रिमांड पर सेंट्रल जेल श्रीनगर में बंद है।

जनवरी 1990 में श्रीनगर के बाहरी इलाके में चार आईएएफ कर्मियों की हत्या के मामले में 16 मार्च, 2020 को मलिक, पहलू और पांच अन्य के खिलाफ आरोप तय किए गए थे। 1989 में रुबैया सईद के अपहरण मामले में यासीन मलिक, रफीक पहलू और आठ अन्य के खिलाफ अदालत ने 11 जनवरी, 2021 को आरोप तय किए थे।

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