‘केंद्र की आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस नीति’, नित्यानंद राय बोले- आतंकी अब जेल जाएंगे या जहन्नुम
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर मोदी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है। सरकार आतंकवाद खत्म करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। राय ने कहा कि मोदी सरकार में आतंकी या तो जेल जाएंगे या जहन्नुम। पहले आतंकियों का महिमामंडन किया जाता था। उन्हें बढ़िया खाना खिलाया जाता था। मोदी सरकार की कोशिशों का नतीजा है कि आतंकी घटनाओं में 71 फीसदी की कमी आई है। राज्यसभा में आतंकवाद के मुद्दे पर सदस्यों के सवालों का जवाब देते हुए राय ने कहा, आतंक प्रभावित इलाकों में भी घटनाएं लगभग शून्य हो गई हैं।
एनआईए पर एक वर्ग विशेष के खिलाफ कार्रवाई करने के आरोपों पर राय ने कहा कि यह सरासर गलत है। इसमें कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा, 2008 में अपने गठन से आज तक एनआईए की कार्रवाई को लेकर कभी कोई शिकायत नहीं मिली। यह केवल वही कहते हैं, जो किसी न किसी तरह से आतंकियों के हमदर्द हैं या ऐसी गतिविधियों के समर्थक हैं।
राय ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी बनाने का मकसद देश की सुरक्षा से जुड़े मामलों की पारदर्शी व निष्पक्ष जांच करना है। एनआईए के मामलों के लिए जम्मू और रांची में एक-एक विशेष कोर्ट हंै। इसके अलावा देश में 30 न्यायालय हैं, जहां ऐसे मामले देखे जाते हैं। एनआईए की दोष सिद्धि दर 95.44 फीसदी है। आतंकी वित्त की स्थिति में यह सौ फीसदी है।
कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने वर्ष 2006 से 2011 के बीच हुए मालेगांव, समझौता एक्सप्रेस, हैदराबाद की मस्जिद में धमाकों की जांच की स्थिति को लेकर सवाल पूछा था। इस पर राय ने कहा, कांग्रेस सांसद दिग्विजय शायद भूल गए कि ये सब मामले उनकी सरकार के दौरान ही हुए थे। इस पर सदन में ठहाके लगे। गृह राज्यमंत्री ने कहा कि वह इस संदर्भ में सदस्य को जानकारी दे देंगे।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री राय ने कहा कि आतंकवाद के प्रति मोदी सरकार की शून्य सहिष्णुता की नीति है। एनआईए वर्तमान में ब्रिटेन की राजधानी लंदन और कनाडा की राजधानी ओटावा में भारतीय उच्चायोग तथा अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुए हमलों की जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि इन हमलों के पीछे कौन लोग हैं और उनकी मंशा क्या थी, इसका जल्द खुलासा किया जाएगा।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने कहा कि 57 व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित किया गया है। 2014 से अब तक नौ संगठनों को यूएपीए के तहत आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है। उन्होंने सदन को बताया कि अब तक 23 संगठनों को गैरकानूनी घोषित किया गया है। मंत्री ने सदन को बताया कि मानव तस्करी के 23 मामलों, बम हमलों के 30 मामलों व साइबर अपराध के एक मामले की जांच की जा रही है, जिससे आतंकी गतिविधियों पर अंकुश लगाने में मदद मिल रही है।