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केंद्र का अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्यों को चिन्हित करने का निर्देश

रांची, 17 मई । केंद्रीय गृह मंत्रालय ने झारखंड के मुख्य सचिव को पत्र भेजा है, जिसमें झारखंड में अवैध तरीके से रहने वाले बांग्लादेशियों और रोहिंग्यों को चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है। पत्र में यह भी निर्देश दिया कि है कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या को चिन्हित करने के लिए राज्य के हर जिले में स्पेशल टास्क फोर्स का गठन करें। उसके बाद एक होल्डिंग सेंटर बनाएं। दरअसल, झारखंड सहित देश के अन्य राज्यों में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों और रोहिंग्यों की पहचान कर उन्हें समूह में देश से बाहर भेजने की कवायद शुरू की गई है।

क्या है मामला ?

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों और रोहिंग्यों को देश से बाहर भजेने के लिए बड़ी कार्रवाई शुरू की गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशियों और रोहिंग्यों को डिपोर्ट करने के लिए प्रोसीजर बनाया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए पत्र में लिखा गया है कि केंद्र के पास संघीय पुलिसिंग की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में सभी राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कि वे अवैध प्रवासियों की पहचान कर उन्हें चिन्हित जगह पर रखें और फिर डिपोर्ट की कार्रवाई शुरू करें। चिन्हित प्रवासियों के मूवमेंट पर रोक लगाना राज्य सरकार के अधीन होगा।

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से लिखे गए पत्र में यह भी बताया गया है कि अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशियों और रोहिंग्यों को डिपोर्ट करने के लिए एक होल्डिंग सेंटर का निर्माण करें। होल्डिंग सेंटर में ही चिन्हित किए गए बांग्लादेशी और रोहिंग्या को लाकर रखना है। होल्डिंग सेंटर में जांच पड़ताल पूरी करने के बाद उन्हें बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स को सौंपा जाएगा। इसके बाद संबंधित देश को उनके नागरिकों को सौंपा जाएगा। इस दिशा में कार्रवाई के लिए केंद्र की ओर से पत्र मुख्य सचिव के स्तर से पुलिस मुख्यालय और सभी जिलों को भी भेजा गया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह आदेश दिया है कि यदि संदिग्ध बांग्लादेशी या म्यांमार का नागरिक (रोहिंग्या) खुद को भारतीय नागरिक होने का दावा करता है और वह किसी अन्य राज्य में रह रहा हो, तो संबंधित राज्य सरकार गृह सचिव और जिला कलेक्टर या जिला मजिस्ट्रेट को, जहां से संदिग्ध व्यक्ति आने का दावा करता है, उसका नाम, माता-पिता का नाम, आवासीय पता, निकटतम रिश्तेदारों का विवरण प्राप्त करना है। उसके बाद 30 दिनों के भीतर भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट निर्वाचित राज्य सरकार या फिर संघ क्षेत्र को भेजा जाएगा। भारतीय नागरिक होने के दावे का सत्यापन एक महीने के भीतर हर हाल में कर लेना है।

अवैध बांग्लादेशी की पहचान होने के बाद राज्य सरकार तत्काल संबंधित व्यक्ति की बायोमेट्रिक और डेमोग्राफी की जानकारी लेगी। इसके बाद उसे विदेशी आइडेंटिफिकेशन पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। जिला पुलिस के जरिये अवैध प्रवासियों की जांच के बाद बीएसएफ या कोस्ट गार्ड भी उसे होल्डिंग सेंटर से अपने हिरासत में लेकर डिपोर्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।

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