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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका झारखंड हाईकोर्ट से खारिज, ईडी के समन को दी थी चुनौती

रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से दायर रिट याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में आज 13 अक्टूबर को सुनवाई हुई. यह मामला चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था. मामले में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सीएम की याचिका खारिज कर दी है. ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के समन के खिलाफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की रिट याचिका खारिज कर दी गई है। आज हाईकोर्ट में ईडी की ओर से पक्ष रखा गया। जिसमें ईडी की तरफ से जवाब दाखिल किया गया कि जो पीएमएलए एक्ट के धारा 50 और 63 के तहत चैलेंज करने की बात कही जा रही थी उसेमें वैलिड करार दिया गया है।

सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा कि सीएम ने समन का पहले ही उल्लंघन किया है, वे किसी भी समन पर उपस्थित नहीं हुए हैं ऐसे में अब समन को चुनौती देने का कोई औचित्य नहीं हैं। इसलिए उन्हें राहत नहीं दी जा सकती है। वहीं, सीएम की ओर से वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल में अदालत को बताया कि सीएम के खिलाफ किसी तरह का कोई मामला दर्ज नहीं है। ऐसे में ईडी का समन उचित नहीं है।

बता दें, सीएम हेमंत के द्वारा दायर याचिका पर बीते 11 अक्टूबर को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र और जस्टिस आनंद सेन की अदालत में सुनवाई हुई थी। अधिवक्ता की ओर से कहा गया था कि सीएम के खिलाफ जमीन घोटाले में कोई भी प्राथमिकी दर्ज नहीं है. और ना ही ईडी ने उनके खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज करायी है, बावजूद उन्हें समन भेजा गया है, जो गलत है. ईडी ने नहीं बताया उन्हें आरोपी या गवाह किस रूप में समन दिया गया।

सीएम ने ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की कार्रवाई को चुनौती देते हुए ईडी के समन के खिलाफ 23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई से इनकार कर दिया और उन्हें हाईकोर्ट जाने को कहा. इसके बाद सीएम ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. इसकी सुनवाई चल रही है।

इससे पहले ईडी ने सीएम को भेजा है पांच बार समन
आपको बता दें, इससे पहले सीएम को ईडी द्वारा पांच बार समन भेजा गया था. ईडी ने अपने पहले समन में 14 अगस्त को उन्हें ईडी दफ्तर बुलाया था. इसके लिए सीएम को ईडी ने 8 अगस्त को पहला समन भेजा था. लेकिन वे पहले समन में ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए थे. इस दौरान सीएम सचिवालय से ईडी कार्यालय चिट्ठी भिजवाया गया था जिसमें सीएम की ओर से कहा गया था ईडी अपना समन वापस लें, मैं कानूनी सलाह ले रहा हूं. इसके बाद दूसरी बार ईडी की तरफ से 19 अगस्त को समन भेजकर 24 अगस्त (गुरूवार) को पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर बुलाया था. लेकिन सीएम ईडी के इस बुलावे पर भी ईडी दफ्तर नहीं पहुंचे थे उस समय भी यानी 24 अगस्त को मुख्यमंत्री की जगह सचिवालय से सूरज कुमार नाम का एक कर्मी सील बंद लिफाफे में एक चिट्ठी लेकर ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचा था।

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