मुख्यमंत्री ने अखरा में करम डाल की पारंपरिक विधि- विधान से पूजा- अर्चना की
रांची, 25 सितंबर : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि पर्व -त्योहारों से हमारी आस्था, परंपरा और सभ्यता- संस्कृति जुड़ी होती है और इससे जीवन मे प्रेम, खुशी, उमंग, उल्लास और उत्साह आता है इसलिए पर्व- त्योहारों के जश्न से कोई कैसे अलग रह सकता है।
मुख्यमंत्री श्री सोरेन भी आज रांची महिला कॉलेज (साइंस ब्लॉक) स्थित आदिवासी छात्रावास परिसर में आयोजित करमा पूजा महोत्सव में सम्मिलित होकर लोगों संग खुशियां बांटी। मुख्यमंत्री ने यहां अखरा में करम डाल की पारंपरिक विधि- विधान से पूजा -अर्चना कर राज्य के सर्वांगीण विकास और सुख ,शांति और समृद्धि की कामना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी आदिवासी सभ्यता संस्कृति और परंपरा काफी समृद्ध और गौरवशाली रही है।करमा पर्व प्रकृति से जुड़ा एक परंपरागत त्यौहार है। पूर्वजों से मिली अपनी इस विरासत को हमें संरक्षित और अक्षुण्ण रखने के साथ और भी आगे ले जाना है।
श्री सोरेन ने कहा कि आज के भौतिकवादी युग में विकास के नाम पर प्रकृति के साथ निरंतर छेड़छाड़ हो रहा है। जंगल काटे जा रहे हैं ।नदी -नालों और पहाड़ों का अतिक्रमण हो रहा है। शहरों में हरियाली गायब हो रही है । कहीं बाढ़ आ रहा है तो कहीं सूखा पड़ रहा है। पर्यावरण में प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। यह मानव जीवन के खतरनाक चुनौती है। अगर हम सचेत नहीं हुए तो हमारे साथ आने वाली पीढ़ी को भी इसके परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा।