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भारत में बने चिप्स जल्द ही दुनिया भर में पहुंचाए जाएंगे: प्रधानमंत्री

नई दिल्ली, 04 अक्टूबर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत अब आर्टिफिशियल इंटेटेलिजेन्स (एआई) और सेमीकंडक्टर जैसी महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और बहुत जल्द पांच सेमीकंडक्टर संयंत्र दुनिया के हर कोने में मेड इन इंडिया ‘चिप्स’ पहुंचाना शुरू कर देंगे।

श्री मोदी ने यहां तीसरे कौटिल्य इकोनॉमिक्स कॉन्क्लेव 2024 को संबोधित करते हुए कहा, “हमारा मिशन एआई में अनुसंधान और कौशल विकास को बढ़ाना है। भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत कुल 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है।”

भारत में विनिर्माण को बढ़ावा देने पर श्री मोदी ने कहा, “हमने उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) की शुरुआत की है, जिसका प्रभाव अब कई क्षेत्रों में दिखाई दे रहा है।”

उन्होंने कहा, “पिछले तीन वर्षों में, पीएलआई ने लगभग 1.25 ट्रिलियन रुपये (1.25 लाख करोड़ रुपये) का निवेश आकर्षित किया है। इसके परिणामस्वरूप उत्पादन और बिक्री लगभग 11 ट्रिलियन रुपये (11 लाख करोड़ रुपये) हुई है।”

श्री मोदी ने कहा कि अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्रों में भारत की प्रगति भी उल्लेखनीय है और कहा कि इन क्षेत्रों को हाल ही में खोला गया है, फिर भी अंतरिक्ष क्षेत्र में 200 से अधिक स्टार्ट-अप पहले ही उभर चुके हैं।

उन्होंने कहा, “आज, हमारी निजी रक्षा कंपनियां देश के कुल रक्षा विनिर्माण का 20 प्रतिशत हिस्सा हैं।”

प्रधान मंत्री ने इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र की वृद्धि के बारे में भी बात की और कहा, “सिर्फ 10 साल पहले, भारत अधिकांश मोबाइल फोन का एक प्रमुख आयातक था। आज, 330 मिलियन यानी 33 करोड़ से अधिक मोबाइल फोन भारत में निर्मित होते हैं।”

उन्होंने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच, भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी जीडीपी के साथ सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है।

उन्होंने कहा, “आज दुनिया का लगभग आधा वास्तविक समय का डिजिटल लेनदेन भारत में हो रहा है। भारत के पास अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम है।”

, उन्होंने कहा “भारतीय अर्थव्यवस्था वर्तमान में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन के दौर से गुजर रही है। मजबूत आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों के साथ, भारत निरंतर उच्च विकास की राह पर है। दुनिया आज हर क्षेत्र में अपार अवसर प्रदान करती है। मुझे विश्वास है कि आपकी चर्चाएँ आने वाले दिनों में कई मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करेंगी।”

प्रधान मंत्री ने कहा कि देश ‘सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन’ के मंत्र पर चलते हुए, देश को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए लगातार निर्णय ले रहा है।

उन्होंने कहा कि इसके प्रभाव ने भारत के लोगों को 60 वर्षों के बाद लगातार तीसरी बार उसी सरकार को चुनने के लिए प्रेरित किया है।

उन्होंने कहा, “हमारी प्रतिबद्धता भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए संरचनात्मक सुधार जारी रखने की है। आप इस प्रतिबद्धता को हमारे तीसरे कार्यकाल के पहले तीन महीनों में किए गए कार्यों में देख सकते हैं।”

आर्थिक विकास और बुनियादी ढांचे के लिए उठाए गए कदमों पर प्रकाश डालते हुए, श्री मोदी ने कहा कि भारत की विकास कहानी इसकी समावेशी भावना है, जिसके परिणामस्वरूप पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है।

उन्होंने कहा कि भारत के अनुसंधान आउटपुट और पेटेंट फाइलिंग में भी पिछले 10 वर्षों में तेजी से वृद्धि देखी गई है।

उन्होंने कहा, “एक दशक से भी कम समय में, भारत ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स रैंकिंग में 81वें से 39वें स्थान पर पहुंच गया है, और हमारा लक्ष्य और आगे बढ़ना है। अपने अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए, भारत ने 1 लाख करोड़ रूपये का एक अनुसंधान कोष भी बनाया है।”

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