साइबर सुरक्षा में निवेश बढ़ाएं कंपनियां: ले. जनरल नायर
नयी दिल्ली, 09 जनवरी : राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक लेफ्टिनेंट जनरल एम.यू. नायर ने उद्योगों की ओर से साइबर सुरक्षा में निवेश बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देते हुए गुरुवार को कहा कि उद्योग जगत की हस्तियों को कॉर्पोरेट प्रशासन में एक मौलिक बदलाव और के बारे में विचार करना चाहिए।
उन्होंने प्रमुख उद्योगों से अपने निदेशक मंडल में साइबर सुरक्षा पेशेवरों को शामिल करने और अपनी वार्षिक रिपोर्ट में सुरक्षा संबंधी व्यापक रिपोर्ट भी शामिल करने का आग्रह किया। ले. जनरल नायर केंद्रीय इलेक्ट्रानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और दूरसंचार विभाग के सहयोग से उद्योगमंडल मंडल फिक्की द्वारा आयोजित ‘साइबरकॉम 2025’ को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने उद्योग के नेतृत्व वाले ऐसे सहयोगी केंद्रों की स्थापना का दृष्टिकोण प्रस्तुत किया जो भारत के जटिल डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर कई प्रणालियों और परतों की निरंतर निगरानी करेंगे। इस प्रस्तावित व्यवस्था मे साइबर सुरक्षा को एक सेवा के रूप में स्थापित किया जाएगा, जिसमें उद्योगों के संघ क्षेत्र-विशेष अवसंरचना की सुरक्षा की समूहिक जिम्मेदारी लेंगे।
ले. जनरल नायर ने प्रतिनिधियों से कहा, “हमें एक वाणिज्यिक मॉडल की आवश्यकता है, जहां उत्कृष्टता के क्षेत्रीय केंद्र निरंतर निगरानी और जोखिम मूल्यांकन के माध्यम से प्रमुख उद्योगों की रक्षा कर सकें।”
उन्होंने कहा कि भारत ने अपने तेजी से बढ़ते डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में अभूतपूर्व साइबर सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है, देश के शीर्ष साइबर अधिकारी ने 1.2 अरब इंटरनेट से जुड़े उपकरणों की सुरक्षा के कार्य को एक प्रमुख मिशन बताया है। सरकार का मामना है कि जिसके लिए निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भागीदारी की आवश्यकता है ।
ले. जनरल नायर ने उल्लेख किया कि अक्टूबर 2022 से 47.4 लाख बेस स्टेशनों की तैनाती के साथ दुनिया के सबसे तेज़ 5जी रोलआउट में से एक होने के बावजूद, साइबर सुरक्षा में कॉर्पोरेट निवेश ‘न्यूनतम’ बना हुआ है।