चुनाव आयोग से मिलकर कांग्रेस ने आशंकाओं पर मांगा विस्तृत विवरण
नयी दिल्ली, 03 दिसंबर : कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मुलाकात कर हाल में महाराष्ट्र तथा अन्य राज्यों में हुए चुनावों से जुड़ी अपनी आशंकाओं को लेकर आज ज्ञापन सौंपा और इस पर जल्द से जल्द विस्तृत जवाब देने की मांग की ताकि देश की चुनाव प्रणाली की पारदर्शिता पर लोगों का विश्वास कायम रहे।
चुनाव आयोग से मिलने गये कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी, राज्यसभा सांसद मुकुल वासनिक,महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले, पार्टी के संचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा, प्रवीण चक्रवर्ती, गुरदीप सप्पल, शशिकांत सेंथिल, ओमर होडा तथा संजीव सिंह शामिल थे।
श्री सिंघवी ने चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद निर्वाचन सदन के बाहर पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा “चुनाव आयोग से करीब डेढ़ से 2 घंटे तक व्यापक वार्ता हुई है और उनसे बातचीत में कहा गया कि चुनाव में पारदर्शिता और विश्वास बहुत जरूरी है अन्यथा यह लोकतंत्र पर आघात होता है। आयोग से मांगे गए सारे डाटा उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है। इस डाटा के मिलने से यह पता चल जाएगा कि महाराष्ट्र में इतने बड़े पैमाने पर लोगों के नाम वोटर लिस्ट से कैसे हटाए और जोड़े गए हैं।”
उन्होंने कहा “कई जगह ऐसे प्रमाण मिले हैं कि एक व्यक्ति के नाम से दो 2 से ढाई सौ लोगों के नाम हटाए गए हैं। यह साबित करता है कि चुनाव प्रक्रिया को विकृत किया जा रहा है। इसमें एक मुद्दा यह भी था कि लोकसभा के चुनाव के बाद उसी क्षेत्र में पांच माह बाद लगभग 3 लाख कम नाम वोटर लिस्ट में पाए गए। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात है कि शाम पांच बजे वोट समाप्त होने के बाद 55 प्रतिशत मतदान आता है और रात 11 बजे के करीब मतदान 65 प्रतिशत हो जाता है। अंतिम आंकड़ा 67 प्रतिशत का आता है।”
कांग्रेस नेता ने कहा “जब वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने तथा हटाने और मतदान प्रतिशत में फर्क का सवाल पूछा गया तो आयोग ने कहा कि इन दोनों प्रक्रियाओं में अंतर होता है। महाराष्ट्र में करीब 118 विधानसभा क्षेत्रों में वोटर बढे हैं और इन्हीं क्षेत्रों में भाजपा उम्मीदवार जीते भी हैं। यदि हमारे सवालों का आयोग उत्तर देता है तो कांग्रेस के पास विशेषज्ञ हैं और पार्टी इस विवरण का विश्लेषण वह इसका विश्लेषण करेंगे।
उन्होंने कहा “चुनाव आयोग के सामने जो विस्तृत चर्चा हुई है उसमें मांग की गई है कि वह लिखित जवाब हमारे सवालों का दे ताकि पारदर्शी और विश्वसनीय डाटा लोगों के सामने रखे।”