कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव : दो सौ वोटर पर एक बूथ, बारकोडिंग आईडी कार्ड के बिना नहीं डाल सकेंगे वोट
जयपुर, 15 अक्टूबर । कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव वर्ष 2000 के बाद करीब 22 साल बाद होने जा रहे हैं। राजस्थान कांग्रेस कार्यालय में 22 साल बाद 17 अक्टूबर को सुबह 10 से शाम 4 बजे तक 413 पीसीसी सदस्य मतदान करेंगे।
कांग्रेस संगठन चुनाव के लिए पीआरओ राजेंद्र कुंपावत ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में 413 पीसीसी सदस्य मतदान करेंगे। इन सदस्यों में 400 सदस्य निर्वाचित और 13 सदस्य वह होंगे जो या तो पूर्व अध्यक्ष रहे है या फिर विधायक कोटे से पीसीसी सदस्य बने हों। उन्होंने बताया कि 200 वोटर पर एक पोलिंग बूथ बनाया जाएगा। इस लिहाज से 413 वोटर्स के लिए दो बूथ बनेंगे, जहां पर मतदान होगा। सत्रह अक्टूबर को कांग्रेस पार्टी के नए अध्यक्ष के लिए होने जा रही मतदान प्रक्रिया में शामिल होने के लिए सभी 413 प्रदेश कांग्रेस सदस्यों को बारकोडिंग लगा हुआ आई कार्ड उपलब्ध करवाया गया है। मतदान करने के लिए यह आई कार्ड सभी सदस्यों को लाना होगा। अगर किसी मतदाता के आईडी कार्ड में तकनीकी खामी के चलते फोटो नहीं है या नाम में कोई मिस प्रिंट हो गया है, तो ऐसी स्थिति में उसे एक सरकारी वोटर आईडी कार्ड भी साथ लाना होगा, जिसके मिलान के बाद ही वह मतदान कर सकेगा।
मतदान केंद्र में पीसीसी सदस्यों के साथ ही चार उन एजेंटों को भी प्रवेश दिया जाएगा, जो दोनों प्रत्याशियों मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर की ओर से नामित किए जाएंगे। दोनों प्रत्याशियों के एजेंट वोटिंग प्रक्रिया पर नजर रखेंगे और अगर उन्हें कोई आपत्ति होगी, तो वह इसे लेकर पीआरओ को सूचित भी कर सकेंगे। दोनों प्रत्याशियों की ओर से जो भी एजेंट बनाए जाएंगे, उनका पीसीसी सदस्य होना जरूरी नहीं है। अगर किसी प्रत्याशी के लिए पीसीसी सदस्य एजेंट बनने को तैयार नहीं होते हैं तो किसी भी कांग्रेस के सदस्य को प्रत्याशी की ओर से एजेंट बनाया जा सकेगा।
कुछ नेता ऐसे भी हैं जो संगठन चुनाव या फिर भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के चलते राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय में मतदान नहीं कर सकेंगे। इन नेताओं में अन्य राज्यों के पीआरओ या एपीआरओ के तौर पर जिम्मेदारी संभाल रहे नीरज डांगी, रामेश्वर डूडी, खिलाड़ी लाल बैरवा, पवन गोदारा, कृष्णा पूनियां और संदीप शर्मा शामिल हैं। ये संभवतः शनिवार को दिल्ली में होने वाली कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण की बैठक में शामिल होने के बाद अपने चुनावी राज्यों में जाने से पहले दिल्ली में ही अपना वोट कास्ट कर देंगे। भारत जोड़ो यात्रा में शामिल पीसीसी मेंबर पवन खेड़ा भी राजस्थान आने की जगह भारत जोड़ो यात्रा में लगने वाले पोलिंग बूथ पर ही अपना मतदान करेंगे।
कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए 17 अक्टूबर को होने वाली मतदान प्रक्रिया के बाद कितने पीसीसी मेंबर्स ने वोट किया है, इसके बारे में जानकारी मिल सकेगी, लेकिन किस राज्य से किस प्रत्याशी को कितने वोट मिले हैं, यह गुप्त रहेगा। क्योंकि मतपेटियों को मतदान के बाद सील कर पीआरओ अपने साथ दिल्ली ले जाएंगे। दिल्ली में स्ट्रांग रूम में इन मतपेटियों को रखा जाएगा। उन्नीस अक्टूबर को जब मतगणना होगी उस समय सभी प्रदेशों से दोनों प्रत्याशियों को मिले मतपत्रों को निकालकर मतगणना से पहले एक जगह एकत्रित किया जाएगा। दोनों प्रत्याशियों को मिले बैलेट पत्रों के अलग-अलग बंडल बना लिए जाएंगे। किसी भी राज्य के बैलेट पत्र पर राज्य का नाम या अलग रंग नहीं होगा तो यह पता नहीं चलेगा कि किस प्रत्याशी को किस राज्य से कितने वोट मिले हैं।
राजस्थान में वैसे तो ज्यादातर विधायकों को पहले ही पीसीसी सदस्य बना दिया गया था, लेकिन कुछ विधायक या मंत्री ऐसे भी थे, जिन्होंने खुद पीसीसी सदस्य बनने की जगह अपने समर्थित नेताओं को पीसीसी सदस्य बना दिया था। ऐसे में 400 पीसीसी सदस्यों के साथ ही अब 13 नए पीसीसी सदस्य भी बनाए हैं, जिनमें सात मंत्री और विधायक भी शामिल हैं। तेरह सदस्यों में से 6 पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और 7 विधायक हैं, जिन्हें विधायक दल के कोटे से पीसीसी सदस्य बनाया गया। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पीसीसी सदस्य निर्वाचित नहीं होने पर भी अलग से पीसीसी सदस्य बनते हैं। उन्हें वोट देने का भी अधिकार होता है। वहीं विधायक दल का भी 15 फीसदी का कोटा होता है, जो विधायक पीसीसी मेंबर नहीं बनते हैं, वह उस 15 फीसदी में शामिल हो जाते हैं। वर्तमान में 13 सदस्यों में से 7 विधायक और मंत्री भी हैं, जिन्हें पीसीसी मेंबर बनाया गया है, उन्हें वोटिंग का भी अधिकार होगा।
(हि.स.)