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सरना कोड नहीं मिलने तक संघर्ष करेगी कांग्रेस : के राजू

रांची, 15 मई । प्रदेश कांग्रेस प्रभारी के राजू ने कहा कि काफी समय से सरना धर्म कोड की मांग देश के आदिवासी समुदाय की ओर से की जा रही है। आगामी जनगणना में केंद्र सरकार सरना धर्म कोड का कॉलम को जरूरू लाना चाहिए। जब तक सरना कोड नहीं मिलता तब तक हम इसके लिए संघर्ष करेंगे। पार्टी प्रभारी गुरुवार को कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे।

केंद्र ने नहीं लिया संंज्ञान : कमलेश

मौके पर प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि 11 नवंबर 2020 को विशेष सत्र बुलाकर महागठबंधन की सरकार ने सरना धर्म कोड का प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा था, लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया। अभी जो जनगणना होने वाली है उसमें से एक कॉलम को कम कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि पूर्व में जनगणना के कॉलम में सात कॉलम होते थे, लेकिन अभी उसे घटाकर छह कॉलम रखा गया है।

कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि कांग्रेस के दबाव पर जातिगत जनगणना का निर्णय केंद्र सरकार ने लिया है। 2011 की जनगणना में झारखंड, ओडिशा और अन्य राज्यों के 50 लाख लोगों ने सरना धर्म कोड लिखा था। नाम कोई हो उससे एतराज नहीं, लेकिन आदिवासी समाज के लिए धर्म कोड होना चाहिए। विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि सड़क से सदन तक हमने सरना कोड की लड़ाई लड़ी है। लेकिन अब पूरे देश में इसकी मांग होने लगी है। हर राज्य में आदिवासी समुदाय अपनी पहचान के मुद्दे के लिए लगातार मांग उठा रहा है।

पूर्व वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि हमने चुनाव में किए वादे के अनुसार सरना धर्म कोड प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा है। पूरे देश में आदिवासी समुदाय की संख्या 10 से 12 करोड़ के लगभग है। इतनी बड़ी आबादी अपने अस्तित्व के पहचान के लिए जूझ रही है। सरना धर्म कोड आवंटित कर सरकार इन्हें पहचान दिलाए।

मौके पर पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ प्रदीप कुमार बालमुचू ने भी बातें रखी। मौके पर पार्टी नेता राकेश सिन्हा, सतीश पॉल मुजनी, सोनाल शांति, जोसाइ मार्डी सहित अन्यज उपस्थित थे।

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